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- सीबीआई की टीम उस स्थान पर पहुंची जहां पीड़िता का शव जलाया गया था
- दल ने मृतका के भाई को बुलाकर जगह की पहचान करने को कहा
- सीबीआई ने घटनास्थल पर अब पीड़िता की मां को भी बुलाया
उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड (Hathras Case) की जांच के लिए सीबीआई (CBI Team) का एक दल मंगलवार को हाथरस पहुंचा और उस घटनास्थल का मुआयना किया जहां 14 सितंबर को 19 साल की एक दलित लड़की के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था। दल ने मृतका के भाई को बुलाकर जगह की पहचान करने को कहा और स्थानीय पुलिस को अपराध स्थल की घेराबंदी करने का निर्देश दिया।
सीबीआई ने क्राइम सीन की वीडियोग्राफी भी की है, साथ में फरेंसिक टीम भी क्राइम सीन से सबूत इकट्ठे कर रही है।सीबीआई की टीम अब पीड़िता के घर पहुंची है और यहां पर ही परिजनों से बात की जा रही है।
इससे पहले सीबीआई की टीम उस स्थान पर पहुंची जहां पीड़िता का शव जलाया गया था, वहीं इससे पहले सीबीआई ने घटना स्थल का जायजा लिया था, इस जगह पीड़िता के बड़े भाई को भी बुलाया गया, मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है।
वहीं जांच के दौरान ही पीड़िता के पिता की तबियत बिगड़ गई है बताते हैं कि पीड़िता के पिता का अचानक बीपी बढ़ गया है वो रात में ही वह परिवार के साथ लखनऊ से लौटे हैं।
घटनास्थल पर अब पीड़िता की मां को भी बुलाया
वहीं सीबीआई ने घटनास्थल पर अब पीड़िता की मां को भी बुलाया मां सीधे घटनास्थल पर पहुंची। गौरतलब है कि पीड़िता की दिल्ली के एक अस्पताल में 29 सितंबर को मौत हो गई थी जिसके बाद जिलाधिकारी ने कथित तौर पर परिवार वालों की इच्छा के विरुद्ध शव का दाह संस्कार रात के अंधेरे में करने का आदेश दिया था।
मामले पर सियासी बवाल होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी थी। रविवार को सीबीआई द्वारा प्राथमिकी दर्ज किये जाने के बाद एजेंसी के प्रवक्ता आर के गौर ने कहा था,'शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि 14 सितंबर 2020 को आरोपी ने बाजरे के खेत में उसकी बहन की गला दबाकर हत्या करने का प्रयास किया था। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुरोध और केंद्र सरकार की अधिसूचना पर सीबीआई ने मामला दर्ज कर लिया है।'पीड़िता के परिजनों ने कहा- वो अस्थि विसर्जन नहीं करेंगे
इससे पहले सोमवार को हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में गैंगरेप पीड़िता के जबरन अंतिम संस्कार पर सुनवाई हुई। इस दौरान पीड़िता के परिवार के बयान लिए गए। कोर्ट ने यूपी पुलिस को फटकार भी लगाई। पीड़ित परिवार ने यह भी कहा कि जब तक उनकी बिटिया को न्याय नहीं मिल जाता, वे अस्थि विसर्जन नहीं करेंगे। अब तक सीबीआई ने स्थानीय पुलिस स्टेशन से केस से जुड़े कागजात इकट्ठे कर लिए हैं। इससे पहले मामले में प्रदेश सरकार द्वारा गठित एसआईटी की पूछताछ भी चल रही है, जिसे दस दिन का एक्सटेंशन मिला था।