- माउंट एवरेस्ट की नई ऊंचाई 8848.86 मीटर
- नेपाल और चीन ने किया ऐलान
- 1955 में एवरेस्ट की ऊंचाई 8848 मीटर मापी गई थी
नई दिल्ली: माउंट एवरेस्ट जो कि दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी है, अब पूर्व की गणना की तुलना में 0.86 मीटर (लगभग 2 फीट) अधिक है। नेपाल और चीन ने एक संयुक्त घोषणा में कहा है, 'विश्व की सबसे ऊंची पर्वत चोटी माउंट एवरेस्ट की संशोधित ऊंचाई 8848.86 मीटर (29,032 फीट) है।' पहले, चीन ने इसकी गणना 8,844.43 मीटर (29,017 फीट) की थी, जो कि नेपाल के माप से चार मीटर (11 फीट) कम थी।
चूंकि यह दोनों देशों की सीमा पर स्थित है, पर्वतारोही दोनों तरफ से चढ़ाई करते हैं। चीन और नेपाल दोनों के सर्वेक्षणकर्ताओं ने नई ऊंचाई तय करने के लिए आम सहमित बनाने के लिए समन्वय किया था। 2019 में दोनों देश इस पर सहमत हुए और एमओयू के अनुसार, संबंधित टीमों को एक साथ अपने निष्कर्षों की घोषणा करनी थी।
2015 का भूकंप बना बड़ा कारण
हालांकि इस घोषणा की उम्मीद पहले की जा रही थी लेकिन कोविड 19 महामारी के कारण देरी हो रही थी। चीन ने इस साल मई में अपने सर्वेक्षणकर्ताओं की टीम भेजी थी वहीं, नेपाल का अभियान 2019 में हुआ था। नेपाल ने माउंट एवरेस्ट की सटीक ऊंचाई मापने का निर्णय किया था। एवरेस्ट की ऊंचाई को लेकर पिछले कुछ सालों से बहस हो रही थी और ऐसा माना जा रहा था कि साल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप के साथ ही कई अन्य कारणों से संभवत: चोटी की ऊंचाई में बदलाव आया है। भूकंप टेक्टोनिक प्लेटों की शिफ्टिंग के कारण आते हैं और शोधकर्ताओं का मानना है कि इस वजह से पर्वत की ऊंचाई पर भी प्रभाव पड़ सकता है। भूवैज्ञानिकों के अनुसार बड़ी तीव्रता वाले इस भूकंप की वजह से एवरेस्ट की ऊंचाई में बदलाव हो सकता है।
2010 में चीन ने नेपाल के दावे को मानते हुए पर्वत की ऊंचाई (8,848 मीटर) की स्थिति स्वीकार कर ली थी और दूसरी तरफ नेपाल ने भी चीन के चट्टान की ऊंचाई 8,844.43 मीटर होने के दावे को स्वीकार कर लिया।
1955 में मापी गई थी चोटी
1955 में किए गए एक ऐतिहासिक सर्वेक्षण के आधार पर, एवरेस्ट के शिखर की ऊंचाई 8,848 मीटर सूचीबद्ध की गई थी तब यह शिखर को मापने का सबसे सटीक माप था। लगभग 15 साल पहले, एक चीनी अभियान दल ने फिर से चोटी को मापा। उनके निष्कर्ष के अनुसार तब इसकी ऊंचाई 8844.43 मीटर यानि 29,017.16 फीट मापी गई थी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह चट्टान के आधार पर था जो एवरेस्ट की चोटी पर स्थित है। बर्फ पड़ने के बाद यह कुछ और मीटर बढ़ जाती है। हालांकि, 1955 के माप को अभी भी अधिकांश देशों द्वारा मानक माना जाता है।