नई दिल्ली: हिंदू महासभा के नेता रहे बाबूलाल चौरसिया अब कांग्रेस में शामिल हो गया है। मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता कमलनाथ की उपस्थिति में वो पार्टी में शामिल हुए। यहां ये गौर करने वाली बात है कि बाबूलाल चौरसिया 2017 में ग्वालियर में नाथूराम गोडसे की मूर्ति की स्थापना के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। कांग्रेस महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोडसे का खुलकर समर्थन करती है, वहीं हिंदू महासभा समय-समय पर गोडसे का सम्मान करने का मौका नहीं छोड़ती है।
ऐसे में समझा जा सकता है कि हिंदू महासभा और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे की घोर विपरीत विचारधारा हैं। बाबूलाल चौरसिया ग्वालियर में पार्षद भी हैं। अपना पक्ष रखते हुए उन्होंने कहा, 'मैं जन्म से कांग्रेसी हूं। नगर निगम चुनावों में टिकट नहीं मिलने के बाद मैंने पार्टी छोड़ दी थी। मैं हिंदू महासभा में शामिल हुआ, चुनाव लड़ा और जीता। बाद में, मुझे एहसास हुआ कि मैं उनकी विचारधारा में फिट नहीं हूं।'
वहीं हिंदू महासभा के नेता ने कहा, 'कांग्रेस गिरने की कगार पर है। इसलिए, कमलनाथ जी हिंदू महासभा के लोगों को काम पर रख रहे हैं क्योंकि उनका कोई भी कार्यकर्ता नहीं बचा है। उन्होंने (बाबूलाल चौरसिया) स्टांप पेपर पर संगठन के जीवनभर सदस्य के रूप में रहने की शपथ ली थी। कांग्रेस ने उन्हें खरीदा।'
ग्वालियर में कांग्रेस के विधायक प्रवीण पाठक ने उन्हें वापस लेने के फैसले को सही ठहराया और कहा, 'पहले वह कांग्रेस में थे लेकिन उन्होंने चुनाव लड़ा और हिंदू महासभा से पार्षद चुने गए। हमारी पार्टी के नेता (राहुल गांधी) ने अपने पिता के हत्यारों को माफ कर दिया। वे (गांधीवादी) इतने बड़े दिल वाले हैं, यह उनके कारण है कि गोडसे की पूजा करने वाले एक व्यक्ति ने गांधीजी की पूजा शुरू की।'