- 1843 में अंग्रेजों ने अंबाला में बनाई थी सैन्य छावनी
- 1919 में ब्रिटेश एयरफोर्स ने बनाया था अपना स्टेशन
- इसी बेस से बालाकोट एयर स्ट्राइक को दिया गया था अंजाम
भारत के बडे़ एयरबेसों में से एक अंबाला एयरबेस पर हाल के दिनों में ड्रोन देखे जाने के कुछ मामले सामाने आए हैं। कहा जा रहा है कि यह पाकिस्तान की साजिश हो सकती है। क्योंकि पाकिस्तान को मात देने में इस बेस ने कई बार बड़ी भूमिका निभाई है। चाहे वो कारगिल युद्ध हो या फिर बालाकोट एयरस्ट्राइक। हाल के दिनों में फ्रांस से खरीदे गए राफेल विमानों को भी यहीं तैनात किया गया है। जिससे चीन भी खौफ खाता है।
क्या है इतिहास- अंबाला एयरबेस का अस्तित्व 1919 में आया, जब ब्रिटेन की रॉयल एयरफोर्स ने इसपर अपना ठिकाना बनाया। इससे पहले यह एक सैनिक छावनी हुआ करता था। 1843 में अंग्रेजों ने अंबाला में सैनिक छावनी बनाया था। 1920-21 से पहले अंबाला ही रॉयल एयरफोर्स का मुख्यालय था। इसके बाद इसे दिल्ली ट्रांसफर कर दिया गया था। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान ब्रिटेन ने यहां से कई सफल ऑपरेशनों को अंजाम दिया था।
भारतीय एयरफोर्स की शुरूआत- आजादी के बाद यह बेस भारतीय वायुसेना के पास आ गया। तब भारत ने यहां अपना 1 स्क्वाड्रन को तैनात किया था। तब भारतीय वायुसेना के मार्शल अर्जन सिंह ने इसकी कमान संभाली थी। आजादी के तुरंत बाद जब कश्मीर में पाकिस्तान समर्थित घुसपैठियों ने प्रवेश किया तब भी अंबाला बेस के विमानों ने उन्हें खदेड़ने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
जब पाक ने किया हमला- अंबाला का हमेशा से सामरिक महत्व रहा है। यही कारण है कि 1965 में, यहां पाकिस्तानी बमवर्षकों ने जमकर हमला किया। कई बम गिराये। पाकिस्तानी वायुसेना अंबाला एयरबेस को नष्ट करना चाहती थी, लेकिन वो असफल रही और एयरबेस के रनवे सुरक्षित रहे। 1971 में भी पाकिस्तान ने इस बेस को निशाना बनाया लेकिन तब फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों ने मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तान के दो जेट मार गिराए।
बालाकोट एयरस्ट्राइक- पुलवामा हमले के बाद जब भारत ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकियों को उड़ाने के लिए ऑपरेशन लॉन्च किया तो मिराज विमानों ने यहीं से उड़ान भरी थी। इस ऑपरेशन को बाद में बालाकोट एयरस्ट्राइक के नाम से जाना गया।
राफेल का ठिकाना- भारत ने जब फ्रांस से अत्याधुनिक राफेल लड़ाकू विमानों को खरीदने का फैसला किया तो अंबाला एयरबेस ही उसका भारत में घर बना। राफेल की पहली स्क्वाड्रन को अंबाला में ही तैनात किया गया है।