- ब्रिटेन में मिला है कोरोना वायरस का नया प्रकार, अभी इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं
- ब्रिटेन में स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है
- दिसंबर महीने तक ब्रिटेन में 60 प्रतिशत लोग इस नए वायरस से संक्रमित हुए हैं
नई दिल्ली : कोविड-19 वायरस से लड़ने के लिए दुनिया के देशों ने कड़ी मेहनत के बाद इसका टीका ईजाद किया है और अमेरिका, ब्रिटेन, सऊदी अरब सहित कई देशों में इसे लगाने का अभियान अभी शुरू ही हुआ है कि कोरोना के सामने आए नए प्रकार ने सभी को चिंता में डाल दिया है। ब्रिटेन में कोरोना ने म्यूटेट होकर नया रूप धारण कर लिया है। इस वायरस के बारे में अभी ज्यादा जानकारी सामने नहीं आ पाई है। कोरोना वायरस का यह नया प्रकार कितना खतरनाक है, इस बारे में फिलहाल अभी निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन का कहना है कि यह वायरस 70 प्रतिशत तक ज्यादा संक्रामक हो सकता है। यानि कि इसमें सक्रमित करने की क्षमता ज्यादा है और यह तेजी से फैल सकता है।
'वैक्सीन कितनी कारगर होगी कह नहीं सकते'
विशेषज्ञों का कहना कि कोरोना के इस नए प्रकार से लड़ने में वैक्सीन कितना कारगर होगी अथवा यह वायरस कितना गंभीर है इस बारे में अभी ज्यादा जानकारी नहीं है। चूंकि इस तरह के वायरस मनुष्यों के जरिए फैलते हैं ऐसे में वे म्यूटेट होकर अपना रूप बदलते रहते हैं। फ्लू भी एक तरह का वायरस है। इसलिए हमें हर साल फ्लू के लिए नए वैक्सीन की जरूरत पड़ती है।
ब्रिटेन में नए प्रतिबंध लागू
कोविड-19 पैदा करने वाले वायरस की पहचान करीब एक साल पहले चीन में हुई थी। ब्रिटेन में कोरोना के नए वायरस के बारे में पता चलने के बाद प्रधानमंत्री बोरिस जानसन ने देश में नए प्रतिबंधों की घोषणा की है। इस वायरस से संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए यूरोपीय संघ के कुछ देशों और कनाडा ने ब्रिटेन के लिए अपनी उड़ानों को फिलहाल स्थगित कर दिया है।
वायरस कितना खतरनाक, अभी इसके प्रमाण नहीं मिले
ब्रिटेन एवं अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का यह नया प्रकार ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है लेकिन इसके ज्यादा खतरनाक होने के अभी प्रमाण नहीं मिले हैं। ब्रिटेन की सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार पैट्रिक वलांस का कहना है कि वायरस का यह नया प्रकार तेजी से फैलता है और कोरोना के अब तक जितने भी प्रकार हैं उनमें यह ज्यादा ताकतवर है। इस वायरस से दिसंबर तक 60 प्रतिशत लोग संक्रमित हुए हैं। कोरोना का यह नया प्रकार इसलिए और चिंता का कारण है क्योंकि इसके बहुत सारे करीब दो दर्जन म्यूटेशंस हैं। इनमें से कुछ वायरस ऐसे हैं जो कोशिकाओं को संक्रमित करते हैं।
कुछ कहना अभी जल्दबाजी होगी
इंग्लैंड के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में वायरस पर अध्ययन करने वाले डॉ. रवि गुप्ता का कहना है कि 'कोरोना के इस नए प्रकार को लेकर मैं चिंतित हूं लेकिन अभी इसके बारे में कुछ कहना जल्दबाजी होगी।' डॉ. रवि और अन्य रिसर्चर्स ने इस पर अपनी रिपोर्ट उस वेबसाइट पर डाली है जिसका इस्तेमाल वैज्ञानिक जल्द से जल्द वायरस के बारे में साझा करते हैं। हालांकि उनके इस पेपर की औपचारिक रूप से समीक्षा नहीं हुई है और यह किसी जर्नल में प्रकाशित नहीं हुआ है।
जेनेटिक संरचना में बदलाव लाते हैं वायरस
वायरस इवोल्यूशन के क्रम में अपने मौजूदा जेनेटिक संरचना में हल्का बदलाव लाते हैं। वायरस में आने वाला यह बदलाव किसी देश या क्षेत्र में आम हो जाता है क्योंकि ये वायरस के प्रकार या तो सबसे पहले वहां पाए जाते हैं या परिस्थितियां ऐसी बनती हैं कि ये आबादी के बीच तेजी से फैल जाते हैं। सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि जब एक वायरस अपने बाहरी सतह के प्रोटीन की संरचना में बदलाव लाता है तो वह दवाओं और प्रतिरोधक क्षमता दोनों के प्रभाव को मात देने लगता है।