कांग्रेस के दिग्गज नेता मोतीलाल वोरा का आज दोपहर निधन हो गया है, 20 दिसंबर यानि कल ही उन्होंने अपना 93वां जन्मदिन मनाया था। वह अक्टूबर में कोविड संक्रमित पाए गए थे लेकिन वो इससे रिकवर हो गए थे और 16 अक्टूबर को डिस्चार्ज हो गए थे। 19 दिसंबर को उन्हें सांस फूलने की शिकायत के एस्कॉर्ट्स में भर्ती कराया गया और आज दोपहर उनका निधन हो गया।
वे दो बार मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे, 2000 से 2018 तक पार्टी के कोषाध्यक्ष भी रहे थे। वोरा के बाद अहमद पटेल को कोषाध्यक्ष बनाया गया था इसी साल 25 नवंबर को पटेल का भी निधन हो गया था।
वोरा ने 1972 में मध्य प्रदेश विधान सभा से चुनाव जीता और मध्य प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के उपाध्यक्ष नियुक्त हुए बाद में 1977 और 1980 में मोतीलाल वोरा पुनः मध्य प्रदेश विधान सभा में चुने गये। सन 1980 में अर्जुन सिंह मंत्रिमण्डल में उन्हें उच्च शिक्षा विभाग का दायित्व सौंपा गया था।
कांग्रेस नेता के निधन पर राहुल गांधी ने दुख जताते हुए ट्वीट करते हुए लिखा- वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और अद्भुत इंसान थे। हम उसे बहुत मिस करेंगे। उनके परिवार और दोस्तों को मेरा प्यार और संवेदना।
मोतीलाल वोरा का जन्म राजस्थान के नागौर जिले में 20 दिसम्बर, 1928 में हुआ था, उन्होंने रायपुर और कलकत्ता से शिक्षा प्राप्त की थी, उनके माता-पिता मोहनलाल वोरा और अंबा बाई थे, मोतीलाल वोरा का विवाह शांति देवी वोरा से हुआ, मोतीलाल वोरा ने कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया।
1985 में श्री मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने
मोतीलाल वोरा भारतीय राजनीति में मंझे हुए राजनेता के रूप में जाने जाते रहे हैं और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रह चुके है। इसके बाद वे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष नियुक्ति हुए।13 मार्च, 1985 में श्री मोतीलाल वोरा मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 13 फ़रवरी, 1988 में इन्होंने मुख्यमंत्री पद से त्याग पत्र देकर 14 फ़रवरी, 1988 में केन्द्र में स्वास्थ्य परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का कार्यभार ग्रहण किया।अप्रैल 1988 में वे मध्य प्रदेश से राज्यसभा के लिये चुने गये।श्री मोतीलाल वोरा 26 मई, 1993 से 3 मई, 1996 तक उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर आसीन रहे।