- महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य में वैक्सीन की भारी कमी है
- राजस्थान ने पिछले महीने ही राज्य में वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया था
- केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा था कि किसी भी राज्य में टीकों की कमी नहीं है
देश में जारी कोरोना संकट के बीच अब सारा जोर कोरोना वैक्सीन के तेजी से क्रियान्वयन पर लगा हुआ है ऐसे में कोरोना वैक्सीन आवंटन को लेकर केंद्र सरकार पर कुछ गैर बीजेपी शासित राज्यों ने आरोप लगाया है कि उन्हें कोरोना वैक्सीन दी गई है जिससे उनके राज्य में कोरोना बेकाबू होता जा रहा है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा था कि राज्य में वैक्सीन की भारी कमी है उन्होंने कहा है कि राज्य में केवल तीन दिन के लिए 14 लाख टीके बचे हैं। टोपे ने कहा कि टीकों की कमी के कारण कई वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़ रहे हैं। टोपे ने दावा किया कि जबकि उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, गुजरात और हरियाणा जैसे राज्यों को इससे ज्यादा वैक्सीन की डोज दी गई हैं।
राजेश टोपे के दावे पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि किसी भी राज्य में टीकों की कमी नहीं है,हर्षवर्धन ने कहा कि कुछ राज्य सरकारें पर्याप्त संख्या में लाभार्थियों को टीका लगाए बिना सभी के लिए टीकों की मांग कर लोगों में दहशत फैलाने और अपनी विफलताएं छिपाने की कोशिश में लगी हुई हैं, हर्षवर्धन ने कहा कि टीकों की कमी के आरोप पूरी तरह निराधार हैं।
वहीं राजस्थान ने पिछले महीने ही राज्य में वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठाया था। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को 37.61 लाख डोज दी थी, जबकि इसमें से सिर्फ 24.28 लाख डोज का ही यूज किया गया।
वहीं ओडिशा सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर कहा है कि उनके पास सिर्फ तीन दिन का स्टॉक बचा है। ओडिशा ने केंद्र से कहा है कि वैक्सीनेशन ड्राइव को बिना किसी बाधा के चलाने के लिए 15 से 20 लाख कोविशील्ड की डोज उपलब्ध कराई जाए।
वहींछत्तीसगढ़ में रोजाना दो लाख लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही है। राज्य के पास 5 अप्रैल तक सिर्फ दो लाख वैक्सीन ही बची हुई थी। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने कहा कि वैक्सीन की सप्लाई को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।