मानवाधिकार दिवस (Human Rights Day) हर साल 10 दिसंबर को दुनिया भर में मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 1950 में 10 दिसंबर को मानवाधिकार दिवस घोषित किया था जिसका उद्देश्य विश्वभर के लोगों को मानवाधिकारों के महत्व के प्रति जागरूक करना और इसके पालन के प्रति सजग रहने का संदेश देना है। 1948 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा को अपनाया। यह 500 से अधिक भाषाओं में उपलब्ध है। यह दुनिया में सबसे अधिक अनुवादित दस्तावेज भी है।
इस वर्ष का मानवाधिकार दिवस का विषय है- फिर से बेहतर हो- मानव अधिकारों के लिए खड़े हो जाओ। यह कोविड 19 महामारी से संबंधित है। मानवाधिकार दिवस, 2020 पर एक वीडियो संदेश में संयुक्त राष्ट्र महासचिव, एंतोनियो गुटेरेश ने कहा है कि कोविड महामारी का मुकाबला करने के प्रयासों, लैंगिक समानता, जनभागीदारी, जलवायु न्याय और टिकाऊ विकास में- मानवाधिकारों को केंद्रीय महत्व दिए जाने की जरूरत झलकती है।
क्या है मानवाधिकार
मानवाधिकारों से अभिप्राय मौलिक अधिकार और स्वतंत्रता से है जिसके सभी मानव प्राणी हकदार हैं। मानव अधिकार मनुष्य के वे मूलभूल अधिकार हैं, जिनसे उसे नस्ल, जाति, राष्ट्रीयता, धर्म, लिंग आदि किसी भी दूसरे कारक के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता। प्रत्येक मनुष्य को आजादी, समानता और सम्मान का अधिकार है।
मानवाधिकारों में कहा गया है कि किसी को भी गुलामी या दासता की हालत में न रखा जाए। किसी को भी शारीरिक यातना न दी जाए। किसी के भी प्रति निर्दय, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार न हो। हर किसी को हर जगह कानून की निगाह में व्यक्ति के रूप में स्वीकृति प्राप्ति का अधिकार है।