नई दिल्ली: कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने अमित खरे (Amit Khare) को भारत सरकार के सचिव के पद और वेतनमान में प्रधान मंत्री के सलाहकार (Advisor to Prime Minister) के रूप में नियुक्त करने को मंजूरी दे दी है। भूमिका अनुबंध के आधार पर शुरू में दो साल के लिए या अगले आदेश तक, जो भी पहले हो तक है।
इससे पहले खरे मानव संसाधन विकास सचिव थे। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने सचिव स्तर के पुन: नियुक्त अधिकारियों के लिए लागू नियमों और शर्तों पर खरे की नियुक्ति को मंजूरी दी, अमित खरे को पीएम नरेंद्र मोदी के करीबी नौकरशाहों में शुमार किया जाता रहा है।
बिहार/झारखंड कैडर के 1985 बैच के आईएएस अधिकारी, खरे की 1990 के दशक में बिहार में कुख्यात चारा घोटाले का पता लगाने में महत्वपूर्ण भूमिका थी, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव का नाम आया था।
खरे इससे पहले सूचना एवं प्रसारण सचिव का पद भी संभाल चुके हैं, सेवानिवृत्ति से पहले उनकी खास उपलब्धि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को आकार देना था, जो वर्तमान एनडीए सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल थी, अमित खरे उच्च शिक्षा सचिव के पद से रिटायर हुए थे।
एजुकेशन पॉलिसी को लेकर उनका अहम योगदान
देश में नई एजुकेशन पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार करने में भी उनका अहम योगदान माना जाता रहा है। इसके अलावा डिजिटल मीडिया को लेकर नियम तय करने में भी उनकी अहम भूमिका रही गौर हो कि अमित खरे की पहचान पूर्ण पारदर्शिता के साथ स्पष्ट निर्णय लेने वाले अधिकारी के रूप में होती है।