बेंगलुरु : कर्नाटक में नेतृत्व में बदलाव को लेकर चल रही अटकलों के बीच मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने रविवार को कहा कि जब तक भाजपा आलाकमान को उन पर भरोसा है, तब तक वह शीर्ष पद पर बने रहेंगे और उन्हें इस बारे में कोई भ्रम नहीं है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि वह इस बात से सहमत नहीं हैं कि प्रदेश भाजपा में उनका स्थान लेने वाला कोई नेता नहीं है। येदियुरप्पा ने उन्हें हटाने की कोशिशों पर एक सवाल के जवाब में कहा, 'जब तक दिल्ली में आलाकमान को मुझ पर यकीन है तब तक मैं मुख्यमंत्री रहूंगा। जिस दिन वे कहेंगे कि वे मुझे नहीं चाहते तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और राज्य के विकास के लिए दिन और रात काम करुंगा।'
'मुझे नहीं कोई भ्रम'
उन्होंने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, 'मुझे कोई भ्रम नहीं है। उन्होंने (आलाकमान) मुझे एक अवसर दिया है, मैं अपनी क्षमताओं से बढ़कर कुछ अच्छा करने के लिए इस मौके का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा हूं। बाकी आलाकमान पर है।'
'वैकल्पिक नेतृत्व' के एक सवाल पर येदियुरप्पा ने कहा, 'मैं किसी की भी आलोचना नहीं करुंगा। मैं इससे सहमत नहीं हूं कि कोई विकल्प नहीं है। राज्य तथा देश में हमेशा विकल्प रहेगा तो मैं इससे सहमत नहीं हूं कि कर्नाटक में मेरी जगह लेने के लिए कोई नहीं है, लेकिन जब तक आलाकमान का मुझ पर भरोसा है तब तक मैं मुख्यमंत्री रहूंगा।'
नेतृत्व परिवर्तन का दबाव!
यह संभवत: पहली बार है जब 78 वर्षीय नेता ने नेतृत्व में बदलाव और प्रदेश भाजपा में उनके स्थान पर कोई और नेता आने की अटकलों के बाद इस पर विस्तार से बात की है। कुछ समय से अटकलें लगायी जा रही हैं कि सत्तारूढ़ भाजपा में येदियुरप्पा को हटाने के लिए दबाव डालने की कोशिशें चल रही हैं।
राज्य के पर्यटन मंत्री सी पी योगीश्वर और हुबली-धारवाड़ पश्चिम से विधायक अरविंद बेल्लाद हाल ही में दिल्ली गए थे और ऐसा बताया जा रहा है कि उन्होंने येदियुरप्पा के काम करने के तरीके के खिलाफ कुछ विधायकों की राय आलाकमान के सामने रखी तथा उनसे मुख्यमंत्री पर लगाम लगाने का अनुरोध किया। इसके बाद से इन अटकलों को बल मिल गया।
येदियुरप्पा के समर्थन में नेता
हालांकि, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील और केंद्रीय संसदीय कार्य केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने नेतृत्व में बदलाव से इनकार कर दिया था और कहा था कि येदियुरप्पा अपना कार्यकाल पूरा करेंगे। कटील ने मंगलुरू में पत्रकारों से कहा, 'यह भाजपा की विशेषता है। येदियुरप्पा हमारे कार्यकर्ताओं के लिए आदर्श हैं। उन्होंने जो कहा है वह यह है कि वह आलाकमान और पार्टी के निर्देशों का पालन करेंगे और सत्ता से चिपके नहीं रहेंगे।'
उन्होंने कहा, 'हालांकि पार्टी में (नेतृत्व परिवर्तन पर) इस तरह की कोई चर्चा नहीं हुई है। येदियुरप्पा हमारे सर्वसम्मत नेता हैं।' कटील ने कहा कि कुछ वर्गों और विपक्षी दलों की आलोचना से उन्हें स्वाभाविक रूप से पीड़ा हुई होगी।
पार्टी के अंदर खुलेआम बयान देने वालों पर कटील ने कहा कि उनके साथ इस महीने चर्चा करने का फैसला किया गया है और उनकी चिंताओं का समाधान पार्टी करेगी। हुबली में जोशी ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्रीय नेतृत्व के फैसले का पालन करेंगे। उन्होंने कहा, 'पार्टी के सामने उन्हें हटाने का कोई प्रस्ताव नहीं है क्योंकि वह इस उम्र में भी कुशलता से काम कर रहे हैं।"
राजस्व मंत्री ने किया समर्थन
इस बीच, मुख्यमंत्री से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात करने वाले राजस्व मंत्री आर अशोक और गृह मंत्री बसवराज एस बोम्मई ने कहा कि महामारी के बीच नेतृत्व परिवर्तन के बारे में हाल के राजनीतिक घटनाक्रम से येदियुरप्पा को दुख पहुंचा और उन्होंने यह बयान दिया तथा वह कार्यकाल पूरा करेंगे।
अशोक ने कहा, 'नेताओं ने कहा है कि नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं होगा। मैं, बोम्मई और हमारे सभी कैबिनेट सहयोगी येदियुरप्पा के साथ हैं और वह मुख्यमंत्री बने रहेंगे।' बोम्मई ने कहा कि 2018 के चुनाव में जनादेश येदियुरप्पा के नाम पर मिला था और उनके नेतृत्व के लिए था।
नड्ड से मिले येदियुरप्पा के बेटे
कई अन्य मंत्री और विधायक भी मुख्यमंत्री के समर्थन में सामने आए और उन्होंने कहा कि वह कार्यकाल पूरा करेंगे। येदियुरप्पा के बेटे और प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष बी वाई विजयेंद्र हाल ही में दिल्ली गए और उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की तथा ऐसा बताया गया कि उन्होंने असंतुष्ट विधायकों पर लगाम लगाने का अनुरोध किया।
इस बीच, इसे सत्तारूढ़ पार्टी का आंतरिक मामला बताते हुए, प्रदेश कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने येदियुरप्पा को कर्नाटक में भाजपा का 'मजबूत व्यक्ति' करार दिया और कहा कि उनके नेतृत्व में पार्टी को 104 सीटें मिलीं और असंतुष्ट कांग्रेस-जद (एस) विधायकों की मदद से उन्होंने सरकार बनाई।