- 36 फ्रांस निर्मित राफेल फाइटर जेट में से पहला भारत को सौंपा जा चुका है
- विमान अधिकतम 2200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने में सक्षम
- वायुसेना दिवस और दशहरा के मौके पर राजनाथ सिंह ने की थी राफेल की शस्त्र पूजा
चंडीगढ़: फ्रांस जाकर भारतीय वायुसेना के लिए पहला राफेल लड़ाकू विमान प्राप्त करने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को कहा कि अगर भारत के पास बालाकोट एयर स्ट्राइक के समय राफेल होते तो वह भारत में बैठकर भी आतंकी शिविरों को खत्म कर सकते थे। हरियाणा के करनाल में एक चुनावी रैली में बोलते हुए, रक्षा मंत्री ने कहा कि अगर फ्रांस में बने राफेल लड़ाकू जेट भारत के पास होते तो इस साल फरवरी में आतंकी कैंपों के खिलाफ हवाई हमले करने के लिए पाकिस्तान जाने की जरूरत नहीं पड़ती।
राजनाथ सिंह ने कहा, 'अगर हमारे पास राफेल लड़ाकू विमान होते, तो मुझे लगता है कि हमें बालाकोट एयर स्ट्राइक के लिए पाकिस्तान जाने की जरूरत नहीं होती। हम भारत में बैठकर भी आतंकी शिविरों को खत्म कर सकते थे।' बीते मंगलवार को टेल नंबर RB-001 वाला लड़ाकू विमान 36 लड़ाकू जेट की डील के तहत भारत को सौंप दिया गया था।
राजनाथ सिंह ने फ्रांस के रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पल्ली की मौजूदगी में एक कार्यक्रम के दौरान फ्रांस से पहले राफेल लड़ाकू विमान को हासिल किया था। इस कार्यक्रम के दौरान फ्रांस के रक्षा विभाग के बड़े अधिकारी और साथ ही डसॉल्ट एविएशन कंपनी के बड़े अधिकारी यहां मौजूद थे।
राफेल जेट के सौंपे जाने के समारोह के बाद, सिंह ने कहा था कि राफेल लड़ाकू जेट को भारतीय वायु सेना में शामिल करने से भारत के हवाई क्षमता में तेजी से इजाफा होगा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह वायुसेना दिवस और दशहरा के मौके पर राफेल लड़ाकू विमान लेने फ्रांस पहुंचे थे और इस दौरान उन्होंने यहां शस्त्र पूजा भी की। राफेल लेने और शस्त्र पूजा के बाद रक्षा मंत्री ने राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी थी और इस अनुभव को शानदार बताया था।