- किसानों और केंद्र सरकार के बीच 11वें दौर की बातचीत रही बेनतीजा
- कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार ने उत्तम प्रस्ताव दिया है
- अगर किसान प्रस्ताव पर विचार करने के लिए सहमत होंगे तो आगे की बातचीत होगी।
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों का कल्याण यूनियनों की ओर से बातचीत के केंद्र में नहीं होने के कारण वार्ता अनिर्णायक रही। मुझे इसका दुख है। किसान यूनियनों ने कहा कि वे सरकार से विकल्प मांगने के बावजूद केवल कानूनों को रद्द करना चाहते हैं। हमने उनसे हमारे प्रस्ताव पर पुनर्विचार करने को कहा क्योंकि यह किसानों और देश के हित में है। हमने उन्हें कल अपना निर्णय बताने के लिए कहा है।
किसानों को बरगलाने की हो रही है कोशिश
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बहुत से किसान संगठन है जो सरकार के प्रस्ताव से सहमत हैं। अगर आप किसानों के साथ बातचीत को देखें तो वो 14 अक्टूबर से चल रही है। 20 जनवरी को जिस बातचीत में सरकार ने प्रस्ताव दिया उससे ज्यादा पक्ष भी सहमत थे। आखिर में ऐसा क्या हुआ कि बातचीत जहां से शुरू हुई वहीं वापस आ गई। किसानों ने जिस अनुशास के साथ अपने आंदोलन को अब तक चलाया है उम्मीद है कि वो आगे भी उसी अनुशासन का परिचय देंगे।
कृषि मंत्री के बयान की खास बातें
- कुछ लोग किसानों में गलतफहमियां पैदा कर रहे हैं, कुछ लोगों किसानों का फायदा उठा रहे हैं।
- यह विशुद्ध तौर पर किसानों का पंजाब के किसानों का आंदोलन है।
- पिछले 14 अक्टूबर से किसानों के साथ बातचीत जारी रही है।
- सरकार, किसानों की मांग के प्रति संवेदनशील है
- बातचीत किसी सार्थक नतीजे तक नहीं पहुंची। सरकार ने किसानों को जो प्रस्ताव दिया है वो बेहतर प्रस्ताव है, किसानों से वो अपील करेंगे कि वो लोग विचार करें।
- हमारा प्रस्ताव किसान और देश दोनों के हित में है।
मंत्री जी ने साढ़े तीन घंटे इंतजार कराया
किसान मजदूर संघर्ष समिति के एस एस पंधेर ने कहा कि मंत्री ने हमें साढ़े तीन घंटे इंतजार करवाया। यह किसानों का अपमान है। जब वह आया, तो उसने हमसे सरकार के प्रस्ताव पर विचार करने के लिए कहा और कहा कि वह बैठकों की प्रक्रिया को समाप्त कर रहा है ... आंदोलन शांतिपूर्वक जारी रहेगा।