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पुलवामा हमला मामले में NIA को मिली बड़ी कामयाबी, हमलावर को पनाह देने वाला गिरफ्तार

Updated Feb 28, 2020 | 22:01 IST

First arrest in Pulwama attack: पुलवामा हमला मामले की जांच कर रही एनआईए को बड़ी कामयाबी मिली है। एक शख्‍स को गिरफ्तार किया गया है, जिस पर आत्‍मघाती हमावर को पनाह देने का आरोप है।

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तस्वीर साभार:&nbspPTI
पुलवामा में आतंकियों ने 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ काफिले पर हमला कर दिया था

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्‍मघाती आतंकी हमला मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को बड़ी सफलता मिली है। एनआईए ने इस मामले में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शाकिर बशीर मागरे को गिरफ्तार किया है, जो इस आतंकी संगठन का ओवरग्राउंड वर्कर है। सीआरपीएफ काफ‍िले पर हमले की जिम्‍मेदारी जैश ने ही ली थी और अब इस सिलसिले में जिस शख्‍स को गिरफ्तार किया गया है, उस पर आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को अपने घर में पनाह देने का आरोप है।

क्‍या होता है ओवरग्राउंड वर्कर?
ओवरग्राउंड वर्कर पूरी तरह से आतंकी नहीं होते, बल्कि ये विभिन्‍न गतिवधियों के बारे में सूचना देने का काम करते हैं। ये आम लोगों की तरह ही इधर-उधर घूमते हैं और फिर आतंकियों को तमाम ग‍ितिविधियों के बारे में पूरी जानकारी देते हैं। अब एनआईए ने जब शाकिर बशीर को गिरफ्ता किया है तो यह खुलासा भी हुआ है कि पुलवामा हमले में उसकी सक्रिय भूमिका थी। उसने आत्‍मघाती हमलावर आदिल अहमद डार को न केवल अपने घर में पनाह दी थी, बल्कि उसे हमले के लिए अन्‍य जरूरी सामान भी मुहैया कराए थे। 

शाकिर की गिरफ्तारी कितनी अहम?
पुलवामा हमला मामला में शाकिर बशीर की गिरफ्तारी को काफी अहम माना जा रहा है, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। एनआईए इस साजिश के मास्टरमाइंड का अब तक पता नहीं लगा पाई है। यहां तक कि हमले के मुख्य आरोपी के बारे में भी कोई ठोस साक्ष्‍य नहीं जुटाए जा सके हैं। ऐसे में शाकिर की गिरफ्तारी से उम्‍मीद जताई जा रही है कि इस मामले में अहम सुराग हाथ लग सकते हैं। अब तक की पूछताछ में उसने कई अहम जानकारियां दी हैं। उसे फिलहाल आगे की पूछताछ के लिए 15 दिन तक एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया है।

शाकिर ने अब तक क्‍या बताया?
अब तक की पूछताछ में शाकिर ने एनआईए को बताया कि उसने आदिल अहमद डार के साथ-साथ एक पाकिस्‍तानी आतंकी मोहम्मद उमर फारूक को भी 2018 के आखिर में अपने घर में पनाह दी थी, जो 14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ काफिले पर हमले को अंजाम देने तक वहां मौजूद रहे। इस दौरान उसने उन्‍हें इम्‍प्रोवाइज्‍ड एक्‍सप्‍लोसिव डिवाइस (आईईडी) बनाने में भी मदद दी थी।

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