राष्ट्रवाद यानि देश से बढ़कर कुछ नहीं..और आज राष्ट्रवाद में बात बंटवारे पर आर-पार की...देश-दुनिया में रहने वाले 130 करोड़ से ज्यादा हिंदुस्तानी कल आजादी का जश्न मनाएंगे...उससे पहले आज विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के मौके पर बंटवारे के वक्त जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई उन लोगों को श्रद्धांजलि दी जा रही है...पीएम मोदी ने भी 75 साल पहले पार्टिशन की वजह से जान गंवाने वाले लोगों को अपनी श्रद्धांजलि दी....
कांग्रेस ने रविवार को आरोप लगाया कि पीएम मोदी का 14 अगस्त को विभाजन भयावह स्मरण दिवस के रूप में मनाने का असली इरादा दर्दनाक घटनाओं को अपनी वर्तमान राजनीतिक लड़ाई के लिए चारे के रूप में इस्तेमाल करना है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विभाजन की त्रासदी का दुरुपयोग नफरत और पूर्वाग्रह को बढ़ावा देने के लिए नहीं किया जा सकता है।
बीजेपी ने ट्विटर पर एक सात मिनट का वीडियो जारी किया है इस वीडियो में बंटवारे का खलनायक मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व वाली मुस्लिम लीग की पाकिस्तान बनाने की मांग के आगे नेहरू को झुकने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है
बीजेपी के इस वीडियो पर कांग्रेस ने पलटवार करने में देरी नहीं की कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया दर्दनाक ऐतिहासिक घटना का चारे की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है
विभाजन पर नफरत की राजनीति हो रही है
टू नेशन थ्योरी के पीछे सावरकर और जिन्ना थे
विभाजन को सरदार पटेल ने भी माना था
विभाजन नहीं होता तो भारत बर्बाद हो जाता
श्यामा प्रसाद मुखर्जी बंगाल विभाजन के समर्थक थे
आधुनिक समय के सावरकर-जिन्ना बंटवारे में लगे हैं
कांग्रेस राष्ट्र को एकजुट करने के प्रयास जारी रखेगी
नफरत की राजनीति की हार होगी
बीजेपी सांसद गौतम गंभीर ने टाइम्स नाऊ नवभारत से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि देश की आजादी में किसी भी फ्रीडम फाइटर के योगदान को कमतर करके नहीं आंका जा सकता...कांग्रेस को नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि किसी को कोई अधिकार नहीं है कि वो सावरकर समेत किसी भी स्वतंत्रता सेनानी की आलोचना करे...
आज राष्ट्रवाद में सवाल है -
75 साल पुराने जख्म पर मरहम की जगह मिर्ची कौन लगा रहा है
विभाजन दिवस पर श्रद्धांजलि की जगह सियासत क्यों हो रही है
क्या अमृत महोत्सव पर कांग्रेस ने स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का अपमान किया ?
आजादी के जश्न में कांग्रेस को बंटवारे के विलेन की याद क्यों आई ?
क्या जिन्ना के बंटवारे वाले आइडिया पर नेहरू ने मुहर लगाई ?