- राणा अय्यूब को प्रताड़ित करने संबंधी आरोपों को भारत ने बेबुनियाद करार दिया
- भारत ने कहा- कोई भी कानून से ऊपर नहीं है
- भ्रामक स्टोरी को आगे बढ़ाना केवल संयुक्त राष्ट्र की प्रतिष्ठा को धूमिल करता है- भारत
नई दिल्ली: पत्रकार राणा अयूब (Rana Ayyub) पर इन दिनों प्रवर्तन निदेशालय (ED) का शिकंजा कसा हुआ है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पत्रकार राणा अय्यूब के 1.77 करोड़ रुपए कुर्क कर लिए थे और ईडी मामले की जांच में लगातार जुटा है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र ने आरोप लगाया कि राणा अयूब का न्यायिक उत्पीड़न किया जा रहा है। इस संबंध में यूएन द्वारा किए गए ट्वीट का भारत ने करारा जवाब दिया है।
यूएन का ट्वीट
दरअसल जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के मिशन द्वारा राणा अय्यूब के खिलाफ ''न्यायिक प्रताड़ता'' संबंधी आरोप लगाए थे। यूएन की तरफ से ट्वीट कर कहा गया, 'पत्रकार राणा अयूब के खिलाफ ऑनलाइन अथक महिला विरोधी और सांप्रदायिक हमलों की भारतीय अधिकारियों द्वारा तुरंत और पूरी तरह से जांच की जानी चाहिए और उनके खिलाफ न्यायिक उत्पीड़न को तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए।' यूएन के इस ट्वीट का जवाब देते हुए भारत ने आरोपों को बेबुनियाद करार दिया।
भारत का जवाब
जिनेवा में भारत के स्थायी मिशन ने ट्वीट कर कहा कि 'भ्रामक सूचनाओं को बढ़ावा देने से केवल संरा मिशन की छवि ''खराब'' होगी।' ट्वीट में कहा गया, 'तथाकथित न्यायिक प्रताड़ना संबंधी आरोप बेबुनियाद और अनावश्यक हैं। भारत में कानून का राज है। हालांकि, यह भी पूरी तरह साफ है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। हम सही जानकारी रखने की अपेक्षा रखते हैं। भ्रामक सूचनाओं को बढ़ावा देने से केवल संरा मिशन की छवि खराब होगी।' खबरों की मानें तो जिनेवा में भारतीय मिशन इस मामले को संयुक्त राष्ट्र कार्यालय के समक्ष उठाएगा।
आपको बता दें कि इस महीने की शुरुआत में प्रवर्तन निदेशालय के सूत्रों ने बताया था कि एजेंसी ने पत्रकार राणा अय्यूब द्वारा जनता से प्राप्त दान कोष में कथित गड़बड़ी से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में अय्यूब की बैंक में जमा 1.77 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त की गई है। हालांकि, अय्यूब ने आरोपों को खारिज किया था।
ED ने पत्रकार राणा अयूब के 1.77 करोड़ रुपए कुर्क किए, ये लगा है आरोप