- भारत और चीन के बीच आज 13वें दौर की सैन्य वार्ता होगी
- पूर्वी लद्दाख में LAC पर तनाव की स्थिति डेढ़ साल से बनी हुई है
- भारत और चीन के बीच यह बातचीत मोल्डो में चीनी क्षेत्र में होगी
नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव कम जरूर हुआ है, लेकिन यह अभी तक पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और न ही यहां यथास्थिति बहाल हो पाई है। हालात को सामान्य बनाने के लिए वार्ताओं का दौर विभिन्न स्तरों पर अब भी जारी है। दोनों देशों के बीच इस मसले पर एक बार फिर सैन्य स्तर की वार्ता होने जा रही है। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, यह बातचीत रविवार को सुबह 10:30 बजे मोल्डो में होने वाली है।
पूर्वी लद्दाख में LAC पर बीते करीब डेढ़ साल से जारी तनाव के बीच भारत और चीन की यह 13वीं सैन्य स्तर की बातचीत होगी। यह LAC पर चीनी सीमा की तरफ मोल्डो में 10 अक्टूबर को सुबह 10 बजे होगी। सैन्य सूत्रों के मुताबिक, बातचीत के दौरान हॉट स्प्रिंग्स में टकराव वाले इलाकों में स्थिति सामान्य करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा होगी। दोनों पक्षों के बीच तनाव दूर करने को लेकर 12 दौर की सैन्य वार्ता हो चुकी है।
वार्ता में उठाए जा सकते हैं ये मुद्दे
समझा जा रहा है कि भारतीय पक्ष इस बातचीत में देप्सांग बुलगे और डेमचोक में मुद्दों के समाधान के लिए दबाव डालने के साथाअलावा टकराव वाले शेष बिंदुओं से जल्द सैनिकों की वापसी की मांग करेगा। भारत और चीन के बीच 13वें दौर की सैन्य वार्ता चीनी सैनिकों द्वारा घुसपैठ की कोशिश की दो हालिया घटनाओं की पृष्ठभूमि में होगी, जो उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर और अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में हुई है।
भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्जी के पास पिछले सप्ताह कुछ देर के लिए गतिरोध पैदा हो गया था, जिसे स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार दोनों पक्षों के बीच स्थानीय कमांडर स्तर की बातचीत के बाद सुलझा लिया गया। वहीं, उत्तराखंड के बाराहोती सेक्टर में लगभग 100 चीनी सैनिकों द्वारा LAC को पार करने की घटना एक महीने पहले हुई थी, जिसके बाद दोनों मुल्कों में सैन्य टकराव बढ़ गया था।
'समस्या बरकरार'
भारत और चीन के बीच यह बातचीत ऐसे समय में हुई है, जबकि एक दिन पहले ही शुक्रवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा गतिरोध पर कहा कि थोड़ी प्रगति हुई, लेकिन बड़ी समस्या अभी बरकरार है। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग सो सहित कई क्षेत्रों में सैनिकों के पीछे हटने के संबंध में कुछ प्रगति हुई है, पर इस क्षेत्र में चीनी सैनिकों की भारी संख्या में तैनाती की 'बड़ी समस्या' बरकरार है।