- लखीमपुरी खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में चार किसान समेत आठ लोगों की जान गई थी
- किसान यूनियन ने घटना के विरोध में 18 अक्टूबर को रेल रोको अभियान का आह्वान किया है
- लखीमपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी यूपी सरकार से तल्ख सवाल किए हैं
नई दिल्ली : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के विरोध में किसान यूनियन ने 18 अक्टूबर को रेल रोको का आह्वान किया है। किसान यूनियन की योजना 12 अक्टूबर से यूपी के सभी जिलों में कलश यात्रा निकालने की है, जबकि 28 अक्टूबर को वे लखनऊ में महापंचायत करेंगे।
लखीमपुर में हुई हिंसा में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हुई थी, जिसके बाद से लोगों में भारी आक्रोश है। विपक्षी दलों ने इसे लेकर यूपी सरकार पर निशाना साधा है तो सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मसले पर राज्य सरकार से सवाल किया है। इन सबके बीच किसान यूनियन ने अपनी रणनीतियों का ऐलान किया है।
किसान यूनियन की क्या है रणनीति?
लगभग 40 किसान संघों के संंगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने तीन कृषि कानूनों के विरोध में 18 अक्टूबर को 'रेल रोको' का आह्वान किया। SKM नेता व सामाजिक कार्यकर्ता योगेंद्र यादव ने कहा कि किसान 15 अक्टूबर को दशहरा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह का पुतला जलाया जाएगा।12 अक्टूबर से यूपी के जिलों में कलश यात्रा निकाली जाएगी और 26 अक्टूबर को लखनऊ में महापंचायत होगी।
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, '15 अक्टूबर को पुतला दहन होगा। 18 अक्टूबर को 6 घंटे ट्रेन रोकी जाएगी। 26 अक्टूबर को बैठक होगी और पूरे देश में उनकी कलश यात्राएं निकलेंगी।'
केंद्रीय मंत्री के इस्तीफे की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्र के इस्तीफे और उन पर धारा 120बी के तहत केस दर्ज करने की भी मांग की, जिनके बेटे आशीष मिश्र का नाम इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर सामने आया है। आशीष मिश्र की शनिवार को यूपी सरकार के समक्ष पेशी हुई, जिसमें उससे पूछताछ की गई।
लखीमपुर खीरी जिले में 3 अक्टूबर को किसानों के विरोध प्रदर्शन के हिंसक होने के बाद चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी। बनबीरपुर के पास हुई झड़प में आक्रोशित किसानों ने दो एसयूवी को भी आग के हवाले कर दिया था।