- पाकिस्तान को भारत का संदेश, पीड़ित कार्ड खेलना बंद करे
- दुनिया भर के आतंकियों को पाकिस्तान देता है पनाह
- आतंकवाद के खिलाफ पहले पुख्ता कार्रवाई पाकिस्तान को करने की आवश्यकता
नई दिल्ली। फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स ने हाल ही में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखने का फैसला किया। लेकिन 27 कार्यों में से छूटे 6 कार्यों पर तुरंत कार्रवाई करने के लिए भी कहा। एफएटीएफ के इस फैसले को पाकिस्तान सरकार ने अपनी कामयाबी के तौर पर पेश किया। लेकिन कहा जाता है कि झूठ की उम्र बहुत लंबी नहीं होती है एक न एक दिन सच सामने आता है। पाकिस्तान की संसद में एक सांसद अयाज सादिक ने पुलवामा और अभिनंदन का जिक्र करते हुए कहा कि कैसे इमरान सरकार ने घुटने टेक दिए थे। लेकिन सरकार की तरफ से मंत्री फवाद चौधरी ने जिस तरह से जवाब दिया वो दिलचस्प था। उन्होंने कहा कि पुलवामा, पाकिस्तान के लिए कामयाबी थी।
आतंकवाद पर पाकिस्तान पीड़ित कार्ड ना खेले
आतंकवाद का समर्थन करने में पाकिस्तान और उसकी भूमिका के बारे में पूरी दुनिया को पता है। इनकार की कोई भी राशि इस सच्चाई को छिपा नहीं सकती है। जो देश संयुक्त राष्ट्र संघ के आतंकवादियों को अधिक से अधिक संख्या में आश्रय प्रदान करता है, उसे पीड़ित कार्ड खेलने का प्रयास भी नहीं करना चाहिए। जम्मू-कश्मीर में भूमि कानूनों में बदलाव पर पाकिस्तान की प्रतिक्रिया के बारे में पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय किसी भी देश के पास भारत के आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने के लिए लोकी स्टैंडिंग नहीं है।
जम्मू-कश्मीर, लद्दाख भारत का अभिन्न अंग
भारत ने सऊदी अरब में अपनी गंभीर चिंताओं को दिल्ली और रियाद दोनों में नए सऊदी बैंकनोट में भारत की बाहरी क्षेत्रीय सीमाओं की व्यापक गलत व्याख्या से अवगत कराया है। हमने सऊदी पक्ष से तत्काल सुधारात्मक कदम उठाने के लिए कहा है। जम्मू और कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग हैं। भारत का कहना है कि इसमें किसी को संदेह नहीं होना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न अंग नहीं है। भारत सरकार का इन दोनों केंद्रशासित प्रदेशों पर सार्वभौमिक अधिकार है। जहां तक पाकिस्तान की बात है तो वो अब हर फोरम पर बेनकाब हो रहा है।