- चीन से तनाव के बीच भारत को जल्द चार पी-8I लड़ाकू विमान मिलने वाले हैं
- अमेरिका से चार पी-8I विमान दिसंबर के आखिर से भारत पहुंचने शुरू हो जाएंगे
- भारत, अमेरिका के साथ छह अन्य पी-8I विमानों की खरीद को लेकर भी आगे बढ़ रहा है
नई दिल्ली : चीन के साथ सीमा पर हालिया तनाव के बीच भारत ने अपनी रक्षा क्षमता और मजबूत करने के लिए रक्षा सौदों में तेजी लाना शुरू कर दिया है। अमेरिका से छह और Poseidon-8I लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जबकि छह Predator-B आर्म्ड ड्रोन्स की जल्द से जल्द खरीद को लेकर भी योजना बनाई जा रही है।
खास रडार से लैस होते हैं ये विमान
भारत पहले से P-8I विमानों का इस्तेमाल कर रहा है, जिनमें खास रडार से लेकर इलेक्ट्रोऑप्टिक सेंसर्स लगे होते हैं। साथ ही ये लड़ाकू विमान Harpoon Block-II मिसाइल और हल्के MK-54 टारपीडो से भी लैस हैं। इनका इस्तेमाल फिलहाल हिंद महासागर और पूर्वी लद्दाख में सर्विलांस के लिए किया जा रहा है, जहां चीन के साथ भारत का सीधा टकराव है।
दिसंबर से आने लगेंगे चार P-8I विमान
P-8I लड़ाकू विमान अमेरिकी कंपनी बोइंग बनाती है, जिसके साथ जनवरी 2009 में 2.1 अरब डॉलर का एक सौदा हुआ था। इसके तहत भारत को आठ P-8I लड़ाकू विमान मिले, जिसे नौसेना ने अपने बेड़े में शामिल किया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अब भारत को चार अन्य P-8I लड़ाकू विमान अमेरिका से मिलने वाले हैं, जिसके लिए दोनों देशों के बीच 1.1 अरब डॉलर का करार जुलाई 2016 को हुआ था। ये विमान भारत को दिसंबर के बाद मिलने शुरू हो जाएंगे।
6 अन्य P-8I विमानों के लिए समझौता जल्द
भारत और अमेरिका के बीच छह और P-8I विमान के लिए जल्द समझौता होने के आसार हैं, जिस पर 1.8 अरब डॉलर की लागत आने का अनुमान है। रिपोर्ट के अनुसार, इसके लिए भारत की तरफ से अमेरिका को 'लेटर ऑफ रिक्वेस्ट' जारी किया गया है, जिस पर अमेरिकी कांग्रेस से अनुमोदन के बाद जल्द ही 'लेटर ऑफ एक्सेप्टेंस' आने की उम्मीद है। इस रक्षा सौदे पर दोनों देशों के बीच अगले साल की शुरुआत में समझौता हो जाने की उम्मीद है, जो अमेरिकी रक्षा कार्यालय पेंटागन के फॉरेन मिलिट्री सेल्स प्रोग्राम के तहत होगा। इससे भारत की रक्षा ताकत और मजबूत होगी।