- महाविकास अघाड़ी में सबकुछ ठीक नहीं, उद्धव ठाकरे से मिले कांग्रेस नेता
- कांग्रेस का मानना है कि उन्हें महत्वपूर्ण निर्णयों से दुर रखा जा रहा है- सूत्र
- खबरों की मानें तो स्थानीय और जिला परिषद के चुना व साथ लड़ सकते हैं शिवसेना-एनसीपी
मुंबई: महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज महाविकास अघाड़ी में इन दिनों सबकुछ ठीक चलता हुआ नहीं दिख रहा है। अघाड़ी में शामिल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं ने सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की है। दरअसल पिछले काफी समय से ऐसी खबरें आ रही थीं कि सरकार में शिवसेना और एनसीपी ही ज्यादा स्ट्रांग पोजिशन में हैं और कांग्रेस को महत्वपूर्ण निर्णयों से दूर रखा जा रहा है। इसी को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को सीएम उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।
सीएम से मिले कांग्रेस नेता
टाइम्स नाउ के मुताबिक, कांग्रेस के राज्य प्रमुख और कैबिनेट मंत्री बालासाहब थोराट और अशोक च्वहाण ने शुक्रवार रात उद्धव ठाकरे के आवास पर जाकर सीएम से मुलाकात की। सूत्रों के मुताबिक इन नेताओं ने अपनी आशंकाओं को सीएम के सामने रखा और अघाड़ी में शामिल तीनों दलों के बीच बेहतर तालमेल करने की बात कही। सूत्रों की मानें तो महाराष्ट्र सरकार अपने पीडब्ल्यूडी मंत्रालय में कुछ बदलाव कर सकती है।
शिवसेना और एनसीपी कर रहे हैं साथ चुनाव लड़ने की तैयारी!
कांग्रेस लीडर लगातार ये शिकायत करते रहे हैं कि सरकार का हिस्सा होने के बावजदू भी उन्हें महत्वपूर्ण निर्णयों से दूर रखा जाता है। कहा ये भी जा रहा है कि जब भी कोई महत्वपूर्ण बैठक होती है तो उसमें केवल शिवसेना और एनसीपी के नेता शामिल होते हैं। गुरुवार को भी शिवसेना और एनसीपी नेताओं के बीच दादर में एक बैठक हुई थी। सूत्रों की मानें तो एनसीपी और शिवसेना के नेता जिला परिषद के अलावा सिविक पोल्स भी साथ लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। कांग्रेस को लगातार दूर रखा जा रहा है जिसके बाद कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को उठाया है और तीनों दलों के बीच बेहतर तालमेल बनाने की बात कही है।
सीएम से मिलने के बाद बोले कांग्रेस नेता- सबकुछ ठीक है
सीएम उद्धव से मिलने के बाद कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सरकार में सब कुछ ठीक है और वे सरकार का हिस्सा हैं। आपको बता दें कि राज्य की उद्धव सरकार को बनाने में एनसीपी का बहुत बड़ा हाथ रहा था। एनसीपी प्रमुख ने इसे लेकर लगातार कांग्रेस से संपर्क किया। कांग्रेस बाद में यह कहते हुए सरकार में शामिल हुई कि वह बीजेपी को सत्ता से दूर रखने के लिए ऐसा कर रही है। हालांकि कांग्रेस नेताओं की शिकायत रही है कि जो भी बैठक होती है वह हमेशा उद्धव ठाकरे औऱ शरद पवार के बीच होती है और उन्हें आमंत्रित तक नहीं किया जाता है।