- भारत ने जबसे अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया है, पाकिस्तान में बौखलाहट है
- पाकिस्तान ने जहां इसकी आलोचना की है, वहीं भारत ने इस पर पड़ोसी मुल्क को करारा जवाब दिया है
- भारत ने साफ कहा है कि पाकिस्तान आंतरिक मामलों में दखल न दे और सांप्रदायिकता को शह न दे
नई दिल्ली : अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन के बाद जहां देशभर में उल्लास है, वहीं पाकिस्तान को इससे मिर्ची लग गई है। पाकिस्तान के बड़बोले रेल मंत्री शेख रशीद से लेकर विदेश मंत्रालय तक से बयान जारी कर इसकी निंदा की गई, जिस पर अब भारत ने करारा जवाब दिया है। भारत ने दो टूक कहा है कि आखिर एक ऐसे मुल्क से अपेक्षा भी क्या की जा सकती है, जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है और अपने देश में अल्पसंख्यकों को उनके अधिकारों से वंचित करता है।
'दखल न दे PAK'
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से पहले भूमि पूजन पर पाकिस्तान की बौखलाहट का जवाब देते हुए विदेश मंत्री के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'हमने भारत के आंतरिक मामलों में पाकिस्तान का बयान देखा है। उसे हमारे आंतरिक मामलों में दखल से दूर रहना चाहिए और सांप्रदायिकता को शह देने से बचना चाहिए।'
भारतीय विदेश मंत्रालय की ओर से यह भी कहा गया कि हालांकि एक ऐसे देश से इस तरह की प्रतिक्रिया का आना चौंकाता नहीं है, जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता हो और खुद अपने यहां अल्पसंख्यकों को उनके धार्मिक अधिकारों से वंचित रखता हो, लेकिन इस तरह की टिप्पणी घोर निंदनीय है।
बौखलाया पाक
यहां उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (5 अगस्त, 2020) को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन किया। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद यहां मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू की गई है, लेकिन पाकिस्तान इसे लेकर बौखला गया है। पाकिस्तान ने इसकी निंदा करते हुए इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी सवाल उठाए।
भारत हालांकि इस मुद्दे पर पाकिस्तान की 'अवांछित और बेवजह टिप्पणियों' को भारत पहले ही खारिज कर चुका है और अब एक बार फिर विदेश मंत्रालय ने इस मामले में पाकिस्तान की टिप्पणी को खारिज करते हुए कहा कि पड़ोसी मुल्क को भारत के अंदरूनी मामलों से दूर रहने की जरूरत है।