- अयोध्या के फैसले के समय को लेकर पाकिस्तान ने आपत्तिजनक टिप्पणी
- पाकिस्तान ने घृणा फैलाने के स्पष्ट इरादे के साथ हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी की है- भारत
- हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की उनकी यह आदत निंदनीय है- विदेश मंत्रालय
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला देते हुए अयोध्या (Ayodhya Verdict) की विवादित 2.77 एकड़ जमीन मंदिर ट्रस्ट को स्थानांतरित करने के आदेश दिया और साथ ही आदेश दिया कि अयोध्या में ही मस्जिद के लिए पांच एकड़ वैकल्पिक जमीन दी जाए। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से यह फैसला दिया।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले पर भला पड़ोसी देश पाकिस्तान कहां चुप रहने वाला था तो ऐसे में उसने भी हमेशा की तरह भारत के आंतरिक मामलों को लेकर टिप्पणी की। करतारपुर कॉरीडोर के उद्घाटन के मौके पर पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशीने कहा कि यह फैसला मोदी सरकार की कट्टर हिंदू विचारधारा को प्रदर्शित करता है। फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कुरैशी ने कहा कि वह इस तरह के खुशी के मौके पर दिखाए गई ‘असंवेदनशीलता’ से ‘बेहद दुखी’ हैं।
पाकिस्तान की इस टिप्पणी की भारत ने सख्त आलोचना की है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान ने घृणा फैलाने के स्पष्ट इरादे के साथ हमारे आंतरिक मामलों पर जो टिप्पणी की है वह बेहद निंदनीय है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘हम एक सिविल मामले पर भारत के उच्चतम न्यायालय के फैसले पर पाकिस्तान द्वारा की गई अनुचित और अनावश्यक टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं।’
उन्होंने कहा, ‘‘यह कानून के शासन और सभी धर्मों के लिए समान आदर की अवधारणाओं से संबंधित है जो उनके लोकाचार का हिस्सा नहीं हैं। इसलिए पाकिस्तान की समझ की कमी कोई आश्चर्य की बात नहीं है, घृणा फैलाने के स्पष्ट इरादे के साथ हमारे आंतरिक मामलों पर टिप्पणी करने की उनकी यह आदत निंदनीय है।”