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अमेरिका, चीन, फ्रांस जैसे देशों के सुपरलीग में शामिल हुआ भारत, 40 हजार टन से ज्यादा वजनी एयरक्रॉफ्ट करियर बनाएगा  

Updated Aug 25, 2022 | 13:00 IST

IAC Vikrant News: नौसेना के कमाडोर थापर ने कहा कि देश का पहला स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट करियर (IAC) विक्रांत दो सितंबर को नेवी में शामिल हो जाएगा।  एयरक्राफ्ट करियर के निर्माण में भारत का यह बड़ा कदम है।

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40 हजार टन से ज्यादा वजनी एयरक्रॉफ्ट करियर बनाएगा भारत।
मुख्य बातें
  • 40 हजार टन से ज्यादा वजनी एयरक्राफ्ट करियर बनाने वाला देश बन गया है भारत
  • पहले इस तरह के युद्धपोत बनाने की महारथ भारत के पास नहीं थी
  • दो सितंबर को समुद्र की लहरों पर उतरेगा स्वदेशी एयरक्राफ्ट करियर आईएसी विक्रांत

IAC Vikrant : रक्षा क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भरता की तरफ धीरे-धीरे अपना कदम तो आगे बढ़ा ही रहा है, साथ ही वह अब अपनी क्षमता के बल पर इस क्षेत्र में धाक रखने वाली देशों की सुपरलीग में भी शामिल होने लगा है। लड़ाकू विमानों को ले जाने वाले भारी युद्धपोतों के निर्माण में भारत अभी पीछे था लेकिन अब वह इस क्षमता को हासिल कर चुका है। नौसेना ने गुरुवार बताया कि भारत अब अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन और फ्रांस जैसे देशों की इस सुपरलीग में शामिल हो गया जो 40 हजार टन से ज्यादा वजनी एयरक्राफ्ट करियर की डिजाइन एवं उनका निर्माण करते हैं। 

दो सितंबर को नेवी में शामिल होगा IAC विक्रांत
नौसेना के कमाडोर थापर ने कहा कि देश का पहला स्वदेश निर्मित एयरक्राफ्ट करियर (IAC) विक्रांत दो सितंबर को नेवी में शामिल हो जाएगा। एयरक्राफ्ट करियर के निर्माण में भारत का यह बड़ा कदम है। उन्होंने बताया कि आईएसी विक्रांत में महिला अधिकारियों एवं महिला अग्निवीर सेलर्स के लिए एयरक्राफ्ट में पर्याप्त जगह होगी। इसके अलावा इसमें 2200 कम्पार्टमेंट्स होंगे।  

 20,000  करोड़ रुपए की लागत से तैयार हुआ IAC विक्रांत 
आईएसी विक्रांत का वजन 45 हजार टन के करीब है। भारत ने इसे अपनी स्वदेशी तकनीक से बनाया है। इसे कोचीन शिपयार्ड में करीब 20,000  करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो सितंबर को इस एयरक्राफ्ट को नौसेना को सौंपेंगे। इस एयरक्राफ्ट पर देश के आधुनिक लड़ाकू विमानों की तैनाती होगी। यह जंगी युद्धपोत दो सितंबर को समुद्र में तो उतर जाएगा लेकिन युद्ध के लिए पूरी तरह से तैयार होने में इसे थोड़ा वक्त लग सकता है। 

MIG-29K सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों की तैनाती होगी
बताया जा रहा है कि इस पर मिग-29के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों की तैनाती होगी। अभी ये लड़ाकू विमान अपनी जटिल फ्लाइट परीक्षणों से गुजर रहे हैं। भारत के इस स्वदेशी युद्धपोत पर इजरायली बराक-8  मिसाइलों की भी तैनाती होगी। सतह से वायु में मार करने वाली इजरायल की ये अत्याधुनिक मिसाइलें 80 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती हैं। इन्हें युद्धपोत पर 2023 के मध्य तक तैनात किया जा सकता है।    

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