- विमान देने की बोइंग कंपनी की पेशकश को बिडेन प्रशासन ने स्वीकार किया
- बेहद ताकतवर, अत्याधुनिक एवं स्टील्थ फीचर से लैस हैं एफ-15 ईएक्स लड़ाकू विमान
- अपने साथ हाइपरसोनिक मिसाइल और ज्यादा हथियार ले जा सकता है यह विमान
वाशिंगटन : भारत और अमेरिका के बीच रक्षा साझेदारी और मजबूत हो सकती है। इसी क्रम में अमेरिका का अत्याधुनिक मल्टी रोल फाइटर प्लेन एफ-15 ईएक्स भारत को मिल सकता है। इसके लिए अमेरिका और भारत के बीच बातचीत हुई है। यही नहीं दोनों देशों की वायु सेना ने इस बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान किया है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने बोइंग के एक शीर्ष अधिकारी के हवाले से कहा है कि कंपनी को भारतीय वायु सेना को अपना लड़ाकू विमान देने के उसके प्रस्ताव को बिडेन सरकार से अनुमति मिल गई है। ये विमान स्टील्थ फीचर्स से लैस हैं।
अत्याधुनिक एवं बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है एफ-15 ईएक्स
एफ-15 ईअक्स अत्याधुनिक एवं बहुउद्देश्यीय लड़ाकू विमान है जो रात में भी हमला कर सकता है। यह लड़ाकू विमान एफ-15 श्रृंखला का ही उन्नत वर्जन है। यह हर प्रकार के मौसम में अभियान को अंजाम दे सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग इंटरनेशन सेल्स ऐंड इंडस्ट्रीयल पार्टनशिप्स की उपाध्यक्ष मारिया एच लैने ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘दोनों देशों की सरकारों के बीच चर्चा हुई और फिर दोनों देशों की वायुसेना ने एफ-15ईएक्स के बारे में सूचनाओं का आदान-प्रदान किया।’
एयरो इंडिया 2021 में शामिल होगा एफ-15ईएक्स
लैने ने कहा, ‘भारत को एफ-15ईएक्स विमान देने के हमारे लाइसेंस संबंधी अनुरोध को अमेरिका की सरकार ने स्वीकार कर लिया है।' अप्रैल 2019 में भारतीय वायुसेना ने करीब 18 अरब डॉलर की लागत से 114 विमानों के अधिग्रहण के लिए ‘सूचना का अनुरोध’ या शुरुआती निविदा जारी की थी जिसे हाल के वर्षों में दुनिया की सबसे बड़ी सैन्य खरीद बताया गया था। बोइंग ने कहा कि बेंगलुरु में अगले हफ्ते से शुरू हो रहे एयरो इंडिया 2021 में एफ-15ईएक्स विमान को प्रदर्शित किया जाएगा।
बेहद ताकतवर है यह लड़ाकू विमान
एफ-15 ईएक्स नेक्स्ट जेनरेशन का लड़ाकू विमान है। यह अपने साथ हाइपरसोनिक यानि ध्वनि से पांच गुना तेज चलने वाली मिसाइलों को अपने साथ लेकर उड़ान भर सकता है। प्रत्येक एफ-15 ईएक्स फाइटर प्लेन अपने साथ 30,000 पाउंड तक वायु से वायु एवं वायु से सतह पर मार करने वाले हथियारों को लेकर उड़ सकता है। जबकि एफ-35 केवल 5,700 पाउंड वजन का भार उठा सकता है। इस लड़ाकू विमान को लंबे समय तक आसानी से अपग्रेड किया जा सकता है।
वायु सेना के बेड़े को मजबूत बना रही सरकार
बता दें कि वायु सेना की जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत सरकार तेजी से लड़ाकू विमानों को खरीदना चाहती है। चीन और पाकिस्तान के साथ जारी तनाव को देखते हुए वायु सेना दोनों मोर्चों पर खुद को तैयार रखना चाहती है। फ्रांस के साथ 36 राफेल का सौदा हुआ है और इनमें से 11 विमान भारत पहुंच चुके हैं। इसके अलावा भारत रूस से सुखोई -20 एमकेआई और मिग-29 लड़ाकू विमान खरीदने की प्रक्रिया में है। हाल ही में तेजस लड़ाकू विमान वायु सेना में शामिल हैं। चीन और पाकिस्तान दोनों से एक साथ निपटने के लिए वायु सेना को 42 स्क्वॉड्रन की जरूरत है।