- भारत को इस साल एक दिसंबर को G-20 की अध्यक्षता मिलेगी।
- संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की भी अध्यक्षता मिलने वाली है।
- अगले साल 2023 में शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन का आयोजन भारत में किया जाएगा।
India Role in G-20, SCO And UNSC: अंतराष्ट्रीय स्तर पर भारत के लिए अगले कुछ महीने बेहद अहम होने वाले हैं। वह दुनिया के उन बड़े समूहों की कमान संभालने जा रहा है, जिन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर संगठन और समूह माना जाता है। भारत को जहां हाल ही में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की अध्यक्षता मिली है। वहीं, इसी साल दिसंबर में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की भी अध्यक्षता करेगा। इसी तरह भारत दुनिया के सबसे मजबूत आर्थिक समूह में से एक G-20 की अध्यक्षता भी करने जा रहा है। दुनिया के इन प्रमुख मंचों के शीर्ष पर भारत की पहुंच, उसकी बढ़ती ताकत और अहमियत को बयां करती है। साथ ही इसका आने वाले समय में असर, भारत की कूटनीति और आर्थिक विकास पर भी दिखेगा।
दुनिया की 5वीं बड़ी अर्थव्यवस्था
भारत, हाल ही में ब्रिटेन को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। IMF के आंकड़ों के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था का साइज 854.7 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया है। जबकि ब्रिटन की अर्थव्यवस्था 816 अरब डॉलर रही है। दुनिया की 5 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना, भारत की बढ़ती आर्थिक ताकत को दिखाती है। दुनिया में भारतीय अर्थव्यवस्था के प्रति बढ़ते भरोसे को विदेशी मुद्रा भंडार से भी समझा जा सकता है। भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है। दुनिया के सभी प्रमुख रेटिंग एजेंसियां भारत की सबसे तेजी से ग्रोथ करने वाली इकोनॉमी बता रही हैं। और इसी का असर उसको मिलने वाली अहम जिम्मेदारियों के रूप में दिख रहा है।
दिसंबर में मिलेगी G-20 की अध्यक्षता
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार भारत को इस साल एक दिसंबर को G-20 का अध्यक्षता मिलेगी। इस दौरान भारत देशभर में 200 से अधिक जी-20 बैठकों की मेजबानी करेगा। भारत को यह अध्यक्षता एक साल के लिए मिलेगी। और अगले साल भारत G-20 सम्मेलन की मेजबानी भी करेगा। G-20 दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक समूहै। जिसमें अमेरिका, ब्रिटेन, भारत,चीन, जापान, अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, फ्रांस, जर्मनी,इंडोनेशिया, इटली, दक्षिण कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की और यूरोपीय संघ (ईयू) आदि प्रमुख रूप से शामिल हैं। इन देशों की दुनिया की GDP में 85 फीसदी हिस्सेदारी है। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में 75 फीसदी हिस्सेदारी है। और दुनिया की दो तिहाई आबादी इन देशों में रहती है।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कमान
इसी साल दिसंबर में भारत को एक महीने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की भी अध्यक्षता मिलने वाली है। भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य है, और वह काफी समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता की मांग करता आ रहा है। इस दौरान भारत का पाकिस्तान के प्रति क्या रूख रहता है, उस पर पाकिस्तान और चीन की नजर जरूर रहेगी।
SCO की करेगा मेजबानी
सितंबर में ही भारत को चीन की अगुआई वाले शंघाई सहयोग संगठन की अध्यक्षता मिली है। और अगले साल 2023 में शंघाई सहयोग संगठन के सम्मेलन का आयोजन भारत में किया जाएगा। भारत और चीन के हालिया संबंधों को देखते हुए, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने एससीओ की अध्यक्षता के लिए भारत का समर्थन किया है। ऐसे समय में जब समरकंद में सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शी जिनपिंग मौजूद होते हुए भी नहीं मिले। और दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण, अगले साल भारत में SCO सम्मेलन होना भारत की अहमियत दिखाता है।
अध्यक्षता से मिलती है ये ताकत
इन समूहों की अध्यक्ष होने के नाते भारत को मनपसंद देशों को इन सम्मेलनों में बुलाने का अधिकार मिलेगा। ऐसे में कूटनीति के स्तर पर उसे अपना कद बढ़ाने का बड़ा मौका मिलेगा। और उसका असर G-20 सम्मेलन में दिखेगा।