- संकट की घड़ी में हमेशा देश के साथ खड़ा होता आया है रेलवे
- कोविड-19 से लड़ने के लिए तैयार किए मास्क और सेनिटाइजर
- रेलवे के करीब 2000 डॉक्टर भी महामारी के खिलाफ अभियान में जुटे
नई दिल्ली : कोविड-19 के प्रकोप से लड़ने के लिए पूरा देश एकजुट है। संकट की इस घड़ी में देश की संस्थाएं भी अपना योगदान दे रही हैं। भारतीय रेल भी पीछे नहीं है। कोविड-19 के मरीजों के लिए उसने अपने कोच में बदलाव कर क्वरंटाइन केंद्र बनाए हैं। अब रेलवे ने एक और बड़ा काम किया है। रेलवे की तरफ से करीब छह लाख और 40, 000 लीटर से ज्यादा सेनिटाइजर तैयार किया है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक एक आधिकारिक बयान में रेलवे ने कहा, 'कोविड-19 के साथ लड़ाई में रेलवे का अभियान जारी है। ऐसे में इस महामारी से लड़ने में भारत सरकार के स्वास्थ्य देखभाल संबंधी उपायों में मदद पहुंचाने के लिए रेलेव अपनी हरसंभव कोशिश कर रही है। इसी क्रम में भारतीय रेल दोबारा पहने जा सकने योग्य मास्क और घरों में इस्तेमाल होने वाले सेनिटाइजर का उत्पादन अपने सभी जोन, उत्पादन इकाइयों एवं पीएसयू में कर रही है।'
बयान के मुताबिक भारतीय रेल की तरफ से सात अप्रैल तक 5,82,317 मास्क और 41, 882 लीटर सेनिटाइजर तैयार किया गया है। रेलवे का कहना है कि इस महामारी के खिलाफ अभियान में उसके सभी कर्मचारी लगे हुए हैं। साथ ही रेल कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। रेलवे के करीब 2000 डॉक्टर कोविड-19 के मरीजों का उपचार कर रहे हैं।
बता दें कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमण की संख्या लगातार बढ़ रही है। वायरस से संक्रमण की संख्या बढ़कर 5734 हो गई है। जबकि 472 लोगों को उपचार के बाद ठीक किया जा चुका है। इस महामारी से अब तक 166 लोगों की जान गई है। पिछले 24 घंटे में 17 मौत हुई है और संक्रमण के 549 नए केस मिले हैं। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि भारत युद्ध स्तर पर कोविड-19 से लड़ाई लड़ रहा है।