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Sawal Public Ka: गोवा में कांग्रेस की टूट पार्टी की कमजोरी है या ऑपरेशन लोटस?

Updated Sep 14, 2022 | 23:07 IST

कांग्रेस के लिए ये स्थिति शर्मनाक है। खासकर तब जब पार्टी ने 2022 के चुनाव के पहले अपने उम्मीदवारों को कांग्रेस ना छोड़ने की शपथ दिलवायी थी। फरवरी में वोटिंग के ऐन पहले राहुल गांधी की मौजूदगी में ये शपथ दिलवायी गई थी। 

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मशहूर कवि दुष्यंत कुमार ने लिखा है -
तुम्हारे पांव के नीचे कोई जमीन नहीं।
कमाल ये है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच गोवा से कांग्रेस की जमीन खिसक गई। वहां कांग्रेस छोड़ो का मंजर दिख गया। वहां 11 में से 8 कांग्रेस विधायक बीजेपी में शामिल हो गए। इनमें पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत और विधानसभा में नेता विपक्ष रहे माइकल लोबो भी शामिल हैं। अपने विधायकों की इस टूट को रोकने में नाकाम रही कांग्रेस की प्रतिक्रिया भी अजीब है। कांग्रेस ने कहा है कि BJP ने ऑपरेशन कीचड़ किया है क्योंकि भारत जोड़ो यात्रा से BJP डर गई है। वैसे जिस राज्य गोवा में BJP की पहले से स्थिर सरकार चल रही हो, वहां ये आरोप आसानी से हजम नहीं होता।

उधर गोवा के इस Political संग्राम के बहाने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक तीर से 2 शिकार करने की कोशिश की है। केजरीवाल का आरोप है कि ऑपरेशन लोटस पूरे देश में चल रहा है, बस कांग्रेस खुद के नेताओं को बचा नहीं पा रही। सवाल पब्लिक का है कि गोवा में कांग्रेस की टूट पार्टी की कमजोरी है या ऑपरेशन लोटस? और क्या टूट रही कांग्रेस का Space आम आदमी पार्टी को मिल सकेगा?

गोवा में कांग्रेस के 8 विधायक BJP में शामिल हो गए, इससे BJP बेहद मजबूत स्थिति में पहुंच गई है। लेकिन वहां BJP की सरकार को कोई खतरा पहले भी नहीं था। गोवा के 40 विधानसभा सीटों में BJP के 20, MGP के 2 और 3 निर्दलीयों के साथ प्रमोद सावंत को बहुमत हासिल था। अब कांग्रेस से BJP में आए 8 विधायकों के साथ पार्टी के पास 33 विधायकों की ताकत हासिल हो गई है।

कांग्रेस के लिए ये स्थिति शर्मनाक है। खासकर तब जब पार्टी ने 2022 के चुनाव के पहले अपने उम्मीदवारों को कांग्रेस ना छोड़ने की शपथ दिलवायी थी। फरवरी में वोटिंग के ऐन पहले राहुल गांधी की मौजूदगी में ये शपथ दिलवायी गई थी। इस शपथ वाले वीडियो में आप दिगंबर कामत को भी देख सकते हैं। BJP में शामिल हुए दिगंबर कामत गोवा में कांग्रेस के चुनाव अभियान की अगुवाई कर रहे थे। 

जनवरी में भी कांग्रेस उम्मीदवारों ने गोवा के महालक्ष्मी मंदिर, बम्बोलिम क्रॉस और हमजा शाह दरगाह में वफादारी की शपथ ली थी। 2017 में गोवा में सरकार ना बना पाने की टीस के बाद कांग्रेस ने ये शपथ दिलवायी थी। लेकिन जो नेता कुछ महीनों पहले कांग्रेस में वफादारी की शपथ ले रहे थे। फिर ऐसा क्या हुआ कि जब भारत जोड़ो यात्रा चल रही हो..कांग्रेस ही खंड-खंड होती जा रही। 

गोवा की आज की टूट तो बहुत बाद की है। पिछले महीने गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ी थी। उससे पहले कपिल सिब्बल, अश्विनी कुमार और यहां तक जयवीर शेरगिल जैसे नेता कांग्रेस छोड़़ चुके हैं। सबकी शिकायत है कि कांग्रेस में संगठन के स्तर पर कमजोरी है। शशि थरूर, मनीष तिवारी और आनंद शर्मा कांग्रेस के भीतर रहकर भी सवाल उठा रहे हैं। लेकिन आज गोवा में अपनी टूट पर पार्टी ने सिर्फ राजनीतिक बयान देकर मानो आंख मूंद ली।

किसी दल का कोई राजनीतिक अभियान पार्टी संगठन के दम पर सफल होता है। कांग्रेस को हक है कि वो ये राजनीतिक बयान जारी करे कि भारत जोड़ो यात्रा से BJP डर गई है। लेकिन गुलाम नबी आजाद ने कांग्रेस छोड़ते हुए राहुल गांधी को आईना दिखाया था। उन्होंने अपनी चिट्ठी में ये सवाल उठाया था कि 2014 से 2022 के बीच कांग्रेस 49 में से 39 विधानसभा चुनाव हार चुकी है..क्यों? 

जनता के बीच समर्थन खोती कांग्रेस पार्टी की टूट पर CBI और ED का नाम लेती है लेकिन क्या ये कांग्रेस का मैदान छोड़कर भागना नहीं है? पार्टी के असंतोष पर बहानेबाजी नहीं है? आप राजस्थान का मामला ले लें। आए दिन वहां अशोक गहलोत वर्सेस सचिन पायलट देखने को मिलता है। लेकिन हाईकमान हालात को संभाल नहीं पा रहा। 

कांग्रेस की हर तरफ हो रही दुर्गति, घोटालों के आरोपों में घिरी आम आदमी पार्टी को मौका दे गया है। शराब घोटाले की जांच के बीच AAP ने ऑपरेशन लोटस का आरोप लगाया था। और आज उसने गोवा के बहाने ऑपरेशन लोटस के आरोपों को धार दे दिया। पार्टी ने दिल्ली के अलावा पंजाब में अपने 10 विधायकों को सामने कर ये आरोप लगाया कि वहां ऑपरेशन लोटस चलाने की कोशिश हुई। लेकिन सबूत मांगो तो सन्नाटा। 

अरविंद केजरीवाल के इस बयान से साफ है कि उनका निशाना डायरेक्ट बीजेपी पर है। कांग्रेस बहाना है। अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली और पंजाब से कांग्रेस को सत्ता से हटाया है। और अब वो ये प्रोजेक्ट कर रहे हैं कि गुजरात में BJP से AAP का ही मुकाबला है। कांग्रेस भारत जोड़ो यात्रा में गुजरात में कदम तक नहीं रख रही, लेकिन अरविंद केजरीवाल वहां एक ऑटोवाले के घर जाकर डिनर करते हैं। अहमदाबाद की सड़क पर ऑटो में बैठने को लेकर हुआ ड्रामा..आपने भी देखा होगा। 

उधर, जिस केरल में अभी भारत जोड़ो यात्रा जारी है, वहां पर राहुल के कैंपेन में बच्चों के शामिल होने पर सवाल उठ गया है। बाल अधिकार संस्था NCPCR ने एतराज जताया है। लेकिन कांग्रेस ने इस पर पलटवार किया है।

सवाल पब्लिक का

1. क्या गोवा में कांग्रेस की टूट ने कांग्रेस के भारत जोड़ो कैम्पेन पर सवाल उठा दिया ? 
2. ऑपरेशन लोटस के आरोपों से केजरीवाल राजनीतिक गोटियां सेट कर रहे हैं ? 
3. क्या भारत जोड़ो कैम्पेन में बच्चों का इस्तेमाल कांग्रेस ने जानबूझकर किया ? 

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