नई दिल्ली: भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि 2024 के आम चुनावों में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए से भिड़ने के लिए एक आम विपक्षी चेहरे के बारे में सवाल इस स्तर पर "बेकार" है और आम चुनाव से पहले विपक्षी दलों के बीच एकता पहले राज्य स्तर पर बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह सीपीएम का प्रयास है कि धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक ताकतों की अधिकतम एकता हो। येचुरी ने कहा कि आम चुनाव राष्ट्रपति चुनाव नहीं है और 2004 के लोकसभा चुनावों के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ एक आम विपक्षी उम्मीदवार के बारे में भी सवाल थे लेकिन भाजपा को हरा दिया गया।
येचुरी ने एएनआई को बताया कि लोकसभा चुनाव होगा, राष्ट्रपति चुनाव नहीं। अटल बिहारी वाजपेयी के समय में भी यही बात उठी थी कि उनके खिलाफ विपक्ष का चेहरा कौन होगा और नतीजा यह हुआ कि एक गैर-भाजपा सरकार बनी जो 10 साल तक चली। उन्होंने कहा कि पीएम चेहरा कौन होगा, यह सवाल बेकार है। सवाल यह है कि देश को बचाना है या नहीं? इसका जवाब है कि हमें देश को बचाना है।
सीपीएम नेता ने कहा कि बीजेपी को सत्ता से दूर रखना जरूरी है और इसके लिए प्रयास जारी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य स्तर पर पहले एकता पैदा होगी और हमारी प्राथमिकता धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना है। आज धर्मनिरपेक्षता, लोकतंत्र और देश का संविधान खतरे में है, संवैधानिक संस्थाओं पर दबाव है। आज लोकतंत्र का मतलब है कि कोई भी चुनाव जीते लेकिन बीजेपी सरकार बनाएगी, इसलिए बीजेपी को सत्ता से दूर रखना जरूरी है और उसके लिए प्रयास जारी हैं।
राहुल गांधी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हर राजनीतिक दल को अपने कार्यक्रमों को अंजाम देने का लोकतांत्रिक अधिकार है। येचुरी ने कहा कि उनसे पूछें। अगर यूपी में दो दिन, केरल में 18 दिन और कर्नाटक में 19 दिन हैं, तो राहुल गांधी से पूछें। वह इस सवाल का जवाब देंगे।
उन्होंने कहा कि हम केरल में 18 दिनों की भारत जोड़ो यात्रा के लिए कांग्रेस पार्टी से क्यों नाराज होंगे? सभी को अपना काम करना चाहिए, नाराज और खुश होने के लिए कुछ भी नहीं है। यह हर पार्टी का अपना लोकतांत्रिक अधिकार है इसलिए यह लोकतांत्रिक अधिकार का उल्लंघन नहीं है।