नई दिल्ली : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित इजरायली दूतावास के करीब शुक्रवार को आईईडी ब्लास्ट हुआ। हालांकि धमाका कम तीव्रता का था और इसमें किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की सूचना नहीं है, लेकिन बेहद सुरक्षित माने जाने वाले इजरायली दूतावास के करीब इस धमाके ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। इस धमाके ने फरवरी 2012 के उस वाकये की याद दिला दी, जब बाइक सवार हमलावर ने इजरायल के राजनयिक की कार पर विस्फोटक चिपका दिया था।
यह घटना प्रधानमंत्री आवास के पास हुई थी। उस वक्त मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। जानकारी सामने आई कि राजनयिक की कार जब सिग्नल पर खड़ी थी, तभी बाइक सवार हमलावर ने उस पर विस्फोटक स्टिकर चिपका दिया था। कुछ ही सेकेंड बाद इसमें विस्फोट हो गया। इस घटना में इजरायली राजनयिक की पत्नी गंभीर रूप से जख्मी हो गई थीं, जबकि कार बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई थी।
कार में चिपकाया गया था स्टिकर
यह देश में स्टिकर के जरिये विस्फोट को अंजाम देने का पहला वाकया था। इस घटना ने नई सुरक्षा चिंताओं को जन्म दिया था। ऐसी आशंका जताई जाने लगी कि आतंकी अब इस तरीके से विशिष्ट व्यक्तियों को निशाना बना सकते हैं। खासकर विदेशी राजनयिकों और उनके काफिले में शामिल वाहनों को इस तरीके के मैग्नेटिक स्टिकर बम के द्वारा निशाना बनाए जाने को लेकर चिंता बढ़ गई थी। इजरायल ने इसके लिए ईरान को जिम्मेदार ठहराया था। हालांकि ईरान ने इसमें अपनी किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया था।
अब एक बार फिर दिल्ली में इजरायली दूतावास के पास हुए आईईडी ब्लास्ट ने कई सवाल खड़े किए हैं। यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब भारत और इजरायल कूटनीतिक संबंधों के शुरू होने की 29वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। भारत और इजरायल के बीच 29 जनवरी को ही कूटनीतिक संबंधों की शुरुआत हुई थी। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि इस वारदात के पीछे किन लोगों का हाथ है। जांच टीम मौके पर पहुंच चुकी है, जहां विस्फोट से दूतावास के बाहर खड़ी कई गाड़ियों के शीशे टूट गए हैं।
इस बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अपने इजरायली समकक्ष गाबी अशकेनाजी से बात की है और यकीन दिलाया कि इजरायली दूतावास और राजनयिकों को पूरी सुरक्षा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि मामले की जांच जारी है और दोषियों को ढूंढने में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।