- इसरो ने पी.एस.एल.वी.-सी 51 के जरिये एमेजोनिया-वन और 18 अन्य उपग्रहों को लॉन्च किया
- ब्राजील के एमाजोनिया-1 के अलावा 18 अन्य उपग्रहों को भी साथ लेकर गया उपग्रह
- नैनो सेटेलाइट आईएनएस-2डीटी भी इस मिशन का हिस्सा नहीं
श्रीहरिकोटा: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने आज पीएसएलवी-सी 51 मिशन का सफल प्रक्षेपण कर लिया है। भारत के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी-सी51) को रविवार सुबह 10 बजकर 24 मिनट पर चेन्नई से करीब 100 किलोमीटर दूर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, एसएचएआर के पहले लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया है। यह अपने साथ प्राथमिक उपग्रह ब्राजील के एमाजोनिया-1 के अलावा 18 अन्य उपग्रहों को भी लेकर गया है।
18 उपग्रह प्रक्षेपित
अंतरिक्ष एजेंसी के बेंगलुरु स्थिति मुख्यालय ने पांच फरवरी को घोषणा की थी कि मुख्य उपग्रह के साथ 20 और उपग्रह भी होंगे। भारतीय अंतरिक्ष क्षेत्र के स्टार्टअप ‘पिक्सल’ ने दो दिन पहले घोषणा की थी कि 'सॉफ्टवेयर संबंधी कुछ कारणों' के चलते उसका पहला उपग्रह ‘आनंद’ पीएसएलवी-सी51 रॉकेट के साथ प्रक्षेपित नहीं होगा। इसरो ने बृहस्पतिवार को पुष्टि की कि उसका नैनो सेटेलाइट आईएनएस-2डीटी भी इस मिशन का हिस्सा नहीं होगा।
पहला वाणिज्यिक मिशन
कोविड संक्रमण को लेकर प्रक्षेपण का कवरेज मीडिया के लिए खुला नहीं है। वर्तमान मिशन में ब्राजील के एमेजोनिया-1 के अलावा प्रक्षेपित किए जाने वाले अन्य उपग्रहों में 'स्पेस किड्स इंडिया' के सतीश धवन उपग्रह और तीन उपग्रहों के संयोजन- यूनिटी सैट सहित 18 उपग्रह प्रक्षेपित किए। आकाशवाणी से विशेष बातचीत में स्पेस किड्स इंडिया की अध्यक्ष श्रीमती केसन ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संरक्षण में भारतीय अंतिरक्ष उद्योग निरन्तर विकास की ओर अग्रसर है। पीएसएलवी-सी 51 का एमेजोनिया-1 मिशन भारत सरकार की कंपनी न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड का पहला वाणिज्यिक मिशन है।
ऐसे मिलेगा फायदा
अमेजोनिया-1 को लेकर जो जानकारी सामने आई है उसके मुताबिक, यह उपग्रह अमेजन क्षेत्र में वनों की कटाई की निगरानी और ब्राजील के क्षेत्र में विविध कृषि के विश्लेषण के लिए उपयोगकर्ताओं को दूरस्थ संवेदी आंकड़े मुहैया कराएगा और कृषि संबंधी जानकारी भी देगा जिससे मौजूदा ढांचे में मजबूती आएगी।