नई दिल्ली : अग्निपथ योजना को लेकर देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच बीजेपी सांसद वरूण गांधी ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाए। उन्होंने शनिवार (18 जून) को ट्वीट किया कि 'अग्निपथ योजना' को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया।
जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो ‘पहले प्रहार फिर विचार’ करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं। 'अग्निपथ योजना' को लाने के बाद महज कुछ घंटे के भीतर इसमें किए गए संशोधन यह दर्शाते हैं कि संभवतः योजना बनाते समय सभी बिंदुओं को ध्यान में नहीं रखा गया। जब देश की सेना, सुरक्षा और युवाओं के भविष्य का सवाल हो तो ‘पहले प्रहार फिर विचार’ करना एक संवेदनशील सरकार के लिए उचित नहीं।
17 जून को उन्होंने वीडियो के साथ ट्वीट किया था कि सैन्य अभ्यर्थियों के इस संघर्ष में मैं हर कदम पर उनके साथ खड़ा हूँ। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि धैर्य से काम लें और ‘लोकतांत्रिक मर्यादा’ बनाए रखते हुए अपने ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से सरकार तक पहुँचाये। ‘सुरक्षित भविष्य’ हर युवा का अधिकार है! न्याय होगा।
सैन्य अभ्यर्थियों के इस संघर्ष में मैं हर कदम पर उनके साथ खड़ा हूं। आप सभी से विनम्र निवेदन है कि धैर्य से काम लें और ‘लोकतांत्रिक मर्यादा’ बनाए रखते हुए अपने ज्ञापन विभिन्न माध्यमों से सरकार तक पहुँचाये। ‘सुरक्षित भविष्य’ हर युवा का अधिकार है! न्याय होगा।
16 जून को उन्होंने एक पत्र के साथ ट्वीट किया था कि आदरणीय राजनाथ सिंह जी, 'अग्निपथ' योजना को लेकर देश के युवाओं के मन में कई सवाल हैं। युवाओं को असमंजस की स्थिति से बाहर निकालने के लिए सरकार अतिशीघ्र योजना से जुड़े नीतिगत तथ्यों को सामने रख कर अपना पक्ष साफ करे। जिससे देश की युवा ऊर्जा का सकारात्मक उपयोग सही दिशा में हो सके।
15 जून को ट्वीट किया था कि सरकार भी 5 सालों के लिए चुनी जाती है। फिर युवाओं को सिर्फ 4 साल देश की सेवा करने का मौका क्यों?