सेनाओं में भर्ती के लिए लाई गई अग्निपथ योजना के विरोध के नाम पर जिस तरह देश के कई राज्यों में हिंसा हुई, एक पैटर्न पर हिंसा हुई, ट्रेनें जलाई गईं, बसें जलाई गईं, पथराव हुए। ऐसी घटनाएं अपने आप अचानक नहीं हो सकती। इस हिंसा के पीछे साजिश की आशंका से इनकार नहीं है। सवाल ये है कि क्या सैन्य क्षेत्र में सुधार पर विपक्ष नकारात्मक राजनीति कर रहा है? क्योंकि जिस विपक्ष को हिंसा शांत करने की पहल करनी चाहिए, वो इसे भड़का रहा है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 4 साल बाद अग्निवीरों में नक्सली तलाश रहे हैं। तो कांग्रेस के दूसरे विधायक कर रहे हैं कि देश खून से लथपथ हो जाएगा लेकिन अग्निपथ लागू नहीं होगा। सवाल है कि क्या मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ आग भड़काने की कोशिश हो रही है। क्या ये मोदी के रिफॉर्म, परफॉर्म, ट्रांसफार्म का विरोध है?
अग्निपथ योजना के विरोध के नाम पर बीते 4 दिनों से हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं। सबसे ज्यादा प्रभावित बिहार है। जहां कई जिलों में प्रदर्शन हुए हैं। आज पटना जिला के तारेगना में जमकर उपद्रव हुआ। तारेगना रेलवे स्टेशन पर हमला हुआ। स्टेशन को आग के हवाले किया गया। जली हुई सरकारी संपत्तियों का ये वीडियो गवाही दे रहा है कि इस हिंसा को अंजाम देने वालों को सिर्फ छात्र कहें तो कैसे कहें? तारेगना में हिंसा का जब तांडव हो रहा था तो एक ओर सुरक्षा बल थे तो दूसरी ओर उपद्रवी। हालात ये हो गए कि सुरक्षाबलों को फायरिंग के लिए मजबूर होना पड़ा। तारेगना में जीआरपी थाने को आग लगायी गई। वहां इतनी पत्थरबाजी हुई कि दीवार पर निशान पड़ गए बिहार से लेकर उत्तरप्रदेश, झारखंड, तेलंगाना, राजस्थान जैसी जगहों पर हिंसा हुई। पटना के तारेगना के अलावा बिहार के जमुई में पुलिस पर प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया।
अग्निपथ स्कीम के विरोध के नाम पर साजिश का खुलासा, जानें क्या है मामला
उत्तर प्रदेश में कल अलीगढ़ और मथुरा में हिंसा हुई थी। आज हिंसा की तस्वीरें जौनपुर से आईं। जौनपुर-प्रयागराज रूट पर सड़क जाम करके प्रदर्शन किया गया। और उसी प्रदर्शन के दौरान रोडवेज की बस में आग लगाई गई। पुलिस की गाड़ियों पर भी हमला हुआ।
कृषि कानून की तरह अग्निपथ स्कीम को भी वापस लेना पड़ेगा- राहुल गांधी
Times Now नवभारत पर अग्निपथ के विरोध के नाम पर हिंसा फैलाने वाले WhatsApp ग्रुप का खुलासा हुआ था। सेना भर्ती की कोचिंग चलाने वाले किस तरह युवाओं को भड़काने की कोशिशें कर रहे थे। लेकिन असल सवाल है कि विरोध के नाम पर क्या राजनीति भी छात्रों के गुस्से को भड़काने में लगी है।
आज का सवाल
- क्या अग्निपथ की आंच में विपक्ष अवसर की रोटी सेंक रहा है?
- क्या अग्निवीरों के नक्सली बनने का संदेह जताना सेना का अपमान है?
- क्या अग्निपथ पर खूनखराबे की धमकी देना हिंसा के लिए भड़काना है?
- क्या अग्निपथ का विरोध मोदी के रिफॉर्म एजेंडे का विरोध है?