नोवाक्शोत: मॉरीटानिया में कोरोना वायरस पृथक केंद्र से इटली के सैलानियों के एक समूह ने भागने की कोशिश की, लेकिन उन्हें पकड़ लिया गया और वापस उनके देश भेज दिया गया। पश्चिम अफ्रीकी देश के स्वास्थ्य मंत्रालय के प्रवक्ता ए ओ अहमद ने एएफपी को बताया कि शनिवार को 15 सैलानी यहां पहुंचे थे और वे उत्तरी हिस्से के अतर में स्थित एक पर्यटन केंद्र में जाना चाहते थे।
प्रवक्ता ने बताया कि सैलानियों ने पृथक केंद्र भेजने जाने से पहले राजधानी के एक होटल में रात गुजारी। उन्होंने कहा कि ये पर्यटक मॉरीटानियाई कोरोना वायरस स्वास्थ्य योजना के तहत लागू की गई शर्तों के उल्लंघन की कोशिश करते हुए अतर के लिए अपने होटल से रवाना हो गए।
अहमद ने बताया कि 15 सैलानियों को पकड़ लिया गया और उन्हें वापस हवाई अड्डे लाया गया और रविवार को उनके देश वापस भेज दिया गया। इटली के विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की है कि सभी पर्यटक अपने देश लौट आए हैं।
चीन के बाद इटली में सबसे ज्यादा असर: गौरतलब है कि चीन के अलावा इटली में भी कोरोना वायरस का बड़े पैमाने पर असर देखने को मिल रहा है। कोरोना वायरस से इटली में मरने वालों का आंकड़ा बुधवार को 100 के पार पहुंच चुका है और संक्रमण की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या तीन हजार से ऊपर चली गई है। सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई है।
पिछले 24 घंटों में 28 और लोगों की जान चली गई जिससे मृतकों की संख्या 107 हो गई है। चीन के बाहर कोरोना वायरस से मरने वालों की यह सबसे ज्यादा संख्या है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार इटली में अब तक संक्रमण के 3,089 मामले दर्ज किए गए हैं।
आईटीबीपी केंद्र से अस्पताल भेजे गए इटली के पर्यटक: बीते बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर इटली के 21 पर्यटकों और उनके तीन भारतीय टूर ऑपरेटरों को भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के पृथक केंद्र से बुधवार को हटा दिया गया है। अधिकारियों ने बताया कि विदेशी नागरिकों को गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल और राष्ट्रीय राजधानी के एक केंद्र में भेजा गया है जबकि भारतीय नागरिकों को सफदरजंग अस्पताल में भेजा गया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार इटली के 14 नागरिक और एक भारतीय व्यक्ति (चालक) उसी पर्यटक दल का हिस्सा हैं जिसमें इटली के एक दंपति को कोरोना वायरस की पुष्टि हुई थी। उन्होंने कहा कि इन लोगों को आगे भी पृथक करके रखा जाएगा जबकि इस समूह के बाकी सदस्यों को बचाव के लिए अलग रखा गया है। पहले इटली के इन पर्यटकों और भारत के तीन लोगों को आईटीबीपी के छावला केंद्र में भर्ती किया गया था।