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नई दिल्ली : कोरोना वायरस को लेकर देश में दहशत बढ़ती जा रही है। इस वायरस के संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ रही है और अब यह संख्या 29 हो गई है, जिसे लेकर विशेष लोगों में डर स्वाभाविक रूप से बढ़ता जा रहा है। कोरोना वायरस के बढ़ते खौफ को देखते हुए कई तरह की भ्रांतियां भी लोगों में फैलती जा रही हैं, जिसे देखते हुए यह जानना जरूरी है कि इससे कैसे बचें। चूंकि इस बीमारी का अब तक इलाज नहीं ढूंढ़ा जा सका है, ऐसे में यह जानकारी और भी अहम हो जाती है। यहां जानिये कोरोना वायरस से जुड़ी हर वो बात जो आपको जानना जरूरी है।
- हाथ धोना : कोरोना वायरस से बचाव को लेकर सबसे पहली जरूरी बात समय-समय पर हाथ धोते रहना है। साबुन और साफ पानी से हाथ धोते रहना चाहिए और जितना संभव हो सके हल्के गर्म पानी से हाथ धुलें, ताकि जर्म्स, बैक्टीरिया या किसी भी तरह के वायरस अच्छी तरह से समाप्त हो जाएं।
- सैनिटाइजर : अगर हर जगह हाथ धोने के लिए साबुन व पानी की उपलब्धता न हो तो सैनिटाइजर का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इस क्रम में यह ध्यान रखने की जरूरत है कि यह प्रभावी हो और उसमें अल्कोहल की मात्रा 60 फीसदी से अधिक हो।
- हाथ मिलाना : हैंडशेक करना आज अभिवादन का प्रमुख तरीका हो गया है, लेकिन मौजूदा हालात में इससे बचने की जरूरत है। ऐसा करने से हाथों में मौजूद बैक्टीरिया या वायरस दूसरे के हाथों तक पहुंच सकते हैं, जो घातक साबित हो सकता है।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी : कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाकर रखें। यहां तक कि अगर किसी को सर्दी-जुकाम या बुखार हो तो भी उसके पास न जाएं और उससे किसी भी तरह के संपर्क में न आएं, जब तक कि वह पूरी तरह ठीक न हो जाए।
- मास्क : मौजूदा हालात में मास्क के इस्तेमाल की सलाह दी जाती है, जो हवा में मौजूद ऐसे तत्वों को सांस के माध्यम से लोगों तक पहुंचने से रोकते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का यह भी कहना है कि गलत तरीके से इसका इस्तेमाल लोगों की परेशानी बढ़ा सकता है। कई बार मास्क लगातार लोग बेफिक्र हो जाते हैं और फिर बार-बार अपने हाथों से चेहरा या आंख, नाक छूते रहते हैं, जिससे यह बेअसर हो जाता है। फिर इसकी बेहतर गुणवत्ता भी जरूरी है।
- जांच : बुखार या सर्दी जुकाम से पीड़ित हर शख्स कोरोना वायरस से संक्रमित हो, यह जरूरी नहीं है। ऐसे में टेस्ट से ही तय हो सकता है कि किसी को कोरोना वायरस है या नहीं। इसके लिए पॉलीमर चेन रिएक्शन (पीसीआर) टेस्ट कराया जाता है। सैंपल पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा जाता है। दिल्ली के एम्स, लखनऊ के केजीएमसी, जयपुर के सवाई मान सिंह, नागपुर के आईजीजीएमसी में यह टेस्ट होता है।
- कैसे फैलता है वायरस : विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, यह वायरस हवा से नहीं फैलता, बल्कि संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। इसलिए ऐसे लोगों से दूरी बनाकर रहें।
- किसे खतरा : यूं तो इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए हर किसी को एहतियात बरने की जरूरत है, लेकिन WHO के मुताबिक, यह वायरस सबसे अधिक बुजुर्गों को प्रभावित करता है, जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। ऐसे अन्य लोगों को भी इस वायरस के संक्रमण का खतरा अधिक है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए बच्चों का भी खास ख्याल रखने की जरूरत है।
- एंटीबायोटिक या हर्बल उपचार : इस बीमारी के उपचार की कोई दवा अभी उपलब्ध नहीं है। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसमें एंटीबायोटिक काम नहीं करता। एंटीबायोटिक बस बैक्टीरिया के संक्रमण पर रोक लगाता है, जबकि कोरोना एक वायरस है, जिसके इलाज में यह बेअसर साबित होता है। हर्बल उपचार का भी बार-बार जिक्र होता है, पर इस बारे में कोई वैज्ञानिक तथ्य सामने नहीं आया है।
- पालतू जानवर : इस वायरस के चूंकि चीन के वुहान स्थित सबसे बड़े पशु बाजार से फैलने की बातें सामने आ रही हैं, इसलिए इसे जानवरों से जोड़कर देखा जा रहा है और पालतू जानवरों को लेकर भी तमाम बातें सामने आ रही हैं। लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक, इस बारे में कोई पुष्ट जानकारी नहीं है।