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Amarnath में फटा बादलः 13 मौतें, 48 हताहत और कई टेंट-लंगर हॉल नष्ट; फिलहाल रुकी यात्रा

अभिषेक गुप्ता | Principal Correspondent
Updated Jul 09, 2022 | 00:39 IST

Amarnath Cave Cloudburst: उत्तरी सेना कमान की ओर से बताया गया कि भारतीय सेना ने निचली अमरनाथ गुफा स्थल पर बादल फटने से प्रभावित क्षेत्र में यात्रियों की सहायता के लिए सेना के हेलीकॉप्टरों सहित छह बचाव दल कार्य शुरू किए।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
Amarnath Cave के पास बादल फटने के बाद कुछ इस कदर लोगों को बचाने की कवायद चली।
मुख्य बातें
  • हादसे के बाद कई हुए जख्मी, फौरन ले जाए गए अस्पताल
  • आसमानी आफत के दौरान चट्टानों को चीरते हुए बहता गया पानी और मलबा
  • युद्ध स्तर पर चलाया जा रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन- अफसर

Amarnath Cave Cloudburst: जम्मू और कश्मीर में शुक्रवार (आठ जुलाई, 2022) को बड़ा प्राकृतिक हादसा हो गया। दरअसल, अमरनाथ में निचली पवित्र गुफा के पास शाम करीब साढ़े पांच बजे बादल फट गया। सेना के मुताबिक, इस आसमानी आफत ने 13 लोगों की जान लील ली।

मृतकों में पांच महिलाएं और आठ पुरुष हैं। इनमें तीन महिलाओं और पांच पुरुषों की लाशें ऊपर पवित्र गुफा के पास मिलीं, जबकि दो औरतों के साथ तीन आदमियों के शव निचली पवित्र गुफा के नजदीक बरामद हुए। पांच लोग रेस्क्यू भी किए गए हैं, जबकि 25 टेंट तबाह हो गए और दो लंगर हॉल बह गए। घटना के बाद आसपास के इलाके में अफरा-तफरी का माहौल था। 

आर्मी के अनुसार, 48 लोग जख्मी हुए। जम्मू-कश्मीर में गांदरबल के सीएमओ डॉ.ए शाह ने समाचार एजेंसी को बताया, "हम घायल हुए लोगों के लिए सभी इंतजामात कर रहे हैं।"

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यात्रा को अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दिया गया है। आईटीबीपी ने घटना से जुड़ा वीडियो भी शेयर किए, जिनमें बादल फटने के बाद की स्थिति स्पष्ट नजर आ रही थी। 14 सेकेंड की एक क्लिप में कुछ कैंपों के बीच से होकर तेज बहाव में चट्टानों को चीरता हुए मटमैला पानी निकलता दिख रहा था।

बहते मलबे की आवाज सुनकर ही समझा जा सकता है कि वहां कितनी बड़ी दुर्घटना हुई। हादसे के बाद के जो दृश्य सामने आए, वे बेहद चौंकाने वाले थे। घटनास्थल के पास जगह-जगह कैंप नष्ट दिखे, जबकि कई लोगों के लापता होने की भी खबर है। 

एनडीआरएफ के डीजी अतुल करवल ने देर शाम बताया था, "पवित्र गुफा के पास एनडीआरएफ की एक टीम है, जो राहत बचाव कार्य में जुटी है। एक और दस्ता भी तैनात किया गया है। अब तक 10 लोगों की जान गई है, जबकि तीन को जिंदा बचाया गया है।" इस बीच, आईटीबीपी के पीआरओ विवेक कुमार पांडे ने एजेंसी को बताया- हमने दिन के उजाले में लोगों को बचाया, जबकि जरूरी खाने-पीने के सामान और लाइटिंग के बंदोबस्त किए जा रहे हैं। जरूरत पड़ी तो रात में भी बचाव कार्य जारी रहेगा।

कश्मीर के आईजीपी विजय कुमार के मुताबिक, "पवित्र गुफा के पास कुछ लंगर और टेंट भी बादल फटने की घटना का शिकार हुए। मौतें भी हुई हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन फिलहाल किया जा रहा है। जख्मी लोगों को आनन-फानन अस्पताल ले जाया गया है, जबकि स्थिति अब काबू में है।"

इस बीच, पहलगाम में ज्वॉइंट पुलिस कंट्रोल रूम के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि घटना के बाद एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और अन्य संबंधित एजेंसियां राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं। पीएम मोदी ने भी इस घटना पर खेद प्रकट किया। यह रहा उनका ट्वीटः 

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शह ने बाबा अमरनाथ की गुफा के पास बादल फटने से आए फ्लैश फ्लड को लेकर एलजी मनोज सिन्हा से बात की। साथ ही स्थिति की पूरी जानकारी ली है। उन्होंने कहा- लोगों की जान बचाना हमारी प्राथमिकता है। सभी श्रद्धालुओं की कुशलता की कामना करता हूं।

जानकारी के मुताबिक, रेस्क्यू टीम का पूरा ध्यान फिलहाल जख्मी हुए लोगों को बेस कैंप के अस्पतालों में शिफ्ट करने पर है। बचाव कार्य में एएलएच के चॉपर भी मुस्तैद किए गए हैं। इस बीच, कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किए गए हैं, जो कि इस प्रकार हैं:
 
NDRF: 011-23438252, 011-23438253
Kashmir Divisional Helpline: 0194-2496240
Shrine Board Helpline : 0194-2313149
ये टोल फ्रीनंबर भी किए गए जारीः जम्मू- 18001807198, श्रीनगर- 18001807199

अमरनाथ श्राइन बोर्ड के सीईओ ने कहा, "यह दुखद है। बचाव कार्य जारी है। पूरा जोर यात्रियों को सुरक्षित जगह पहुंचाने का है। सेना के हेलीकॉप्टर भी एक्शन में हैं। सर्च ऑपरेशन जारी है। हेल्पलाइन नंबर एक्टिवेटेड है।" 

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