- 16 अगस्त से जम्मू-कश्मीर में धार्मिक स्थल/पूजा स्थल खोले जाएंगे
- सभी आगंतुकों के लिए आरोग्य सेतु ऐप का उपयोग अनिवार्य होगा
- मूर्तियों या पवित्र पुस्तकों को छूने की अनुमति नहीं होगी
नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में माता वैष्णो देवी की यात्रा 16 अगस्त से फिर से शुरू हो रही है। कोरोनो वायरस महामारी के कारण लगभग 5 महीने बाद वैष्णो देवी की यात्रा शुरू हो रही है। दरअसल, सरकार ने केंद्र शासित प्रदेश में धार्मिक स्थल या पूजा स्थल खोलने का फैसला किया है। सरकार ने यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए कई दिशानिर्देश जारी किए हैं।
गाइडलाइंस के अनुसार, 30 सितंबर तक प्रतिदिन अधिकतम 5000 तीर्थयात्रियों को माता के दर्शन करने की इजाजत होगी। इन 5000 में से दूसरे राज्यों के 500 तीर्थयात्रियों को दर्शन करने की इजाजत होगी। 60 साल से ज्यादा की उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं और 10 साल से कम उम्र के बच्चों को यात्रा की इजाजत नहीं होगी। श्रद्धालुओं को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा। सभी यात्रियों को मास्क पहनना होगा और सीमित संख्या में घरेलू भक्तों को मंदिर में जाने की अनुमति होगी। माता के भवन में एक बार में 600 से ज्यादा लोग जमा नहीं हो सकेंगे। इसके अलावा मंदिर परिसर में किसी प्रकार का चढ़ावा नहीं चढ़ा सकेंगे और देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को छूना भी वर्जित होगा।
यात्रा रात में बंद कर दी जाएगी और कुछ समय के लिए माता भवन में भक्तों के ठहरने पर रोक है। वर्तमान में, भक्तों को सुबह आयोजित होने वाली आरती में शामिल होने की अनुमति नहीं दी जाएगी। तीर्थयात्रियों का पंजीकरण केवल ऑनलाइन किया जाना चाहिए, ताकि काउंटरों पर लोगों की भीड़ से बचा जा सके।
जम्मू-कश्मीर के बाहर से आने वाले तीर्थयात्रियों को कोविड 19 टेस्ट कराना अनिवार्य होगा। यात्रा पर कटरा से आगे बढ़ने की अनुमति तभी दी जाएगी जब इन तीर्थयात्रियों का कोविड टेस्ट नेगेटिव होगा। जम्मू और कश्मीर के रेड जोन जिलों के तीर्थयात्रियों का भी अनिवार्य रूप से परीक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट नेगेटिव है तो यात्रा पर आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी।