- जम्मू-कश्मीर के अलग अलग हिस्सों में पिछले 9 दिन में 9 मुठभेड़
- लश्कर और टीआरएफ से जुड़े आतंकी मारे गए
- मुठभेड़ में मारे गए आतंकी आम लोगों की हत्या के लिए जिम्मेदार थे- जम्मू कश्मीर पुलिस
आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि नागरिक हत्याओं के बाद 9 मुठभेड़ों में 13 आतंकवादी मारे गए। हमने 24 घंटे से भी कम समय में श्रीनगर शहर के 5 में से 3 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है।जम्मू-कश्मीर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने घाटी में हाल में असैन्य नागरिकों की हत्या के पीछे किसी भी तरह की सुरक्षा चूक से इनकार किया और कहा कि उन सभी को सुरक्षा मुहैया कराना संभव नहीं है, जो आतंकियों के आसान लक्ष्य (सॉफ्ट टारगेट) हो सकते हैं।कश्मीर के पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) विजय कुमार ने यहां एक समारोह से इतर संवाददाताओं से कहा कि पिछले सप्ताह मारे गए किसी भी रहवासी को पुलिस ने सुरक्षा मुहैया नहीं कराई थी।
ताजा अपडेट
- लश्कर और टीआरएफ के 13 आतंकी मारे गए
- उमर मुश्ताक और खुर्शीद का सफाया
- लश्कर के दो आतंकी मारे गए
- दो पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल था उमर मुश्ताक
आम लोगों को आतंकियों ने बनाया था निशाना
पिछले हफ्ते कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय के चार लोगों सहित सात असैन्य नागरिकों की हत्या कर दी गई थी, जिससे घाटी में लोगों में डर पैदा हो गया और राजनीतिक दलों ने सुरक्षा तंत्र की आलोचना की।कुमार ने कहा, ''सुरक्षा में कोई चूक नहीं हुई। आतंकवादियों ने आसान लक्ष्य चुना, हमने नागरिकों क सुरक्षा मुहैया नहीं कराई थी। सभी आसान लक्ष्यों को सुरक्षा मुहैया कराना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने तेजी से कार्रवाई की और हत्याओं में शामिल सभी पांच आतंकवादियों की पहचान कर ली। उन्होंने कहा, उनमें से दो को ढेर कर दिया गया है और अन्य तीन को भी जल्द ही ढूंढ लिया जाएगा। राजनेताओं द्वारा की गई सुरक्षा तंत्र की आलोचना को खारिज करते हुए कुमार ने कहा कि पुलिस पेशेवर तरीके से स्थिति से निपट रही है। उन्होंने कहा कि राजनेताओं का काम हर तरह के बयान देना है। मैं एक पेशेवर हूं और मुझे पता है कि इससे कैसे निपटना है। हम इससे पेशेवर तरीके से निपट रहे हैं।
8 अक्टूबर से ऑपरेशन जारी
आईजीपी ने कहा कि आठ अक्टूबर से अब तक नौ मुठभेड़ों में 13 आतंकवादी मारे गए हैं। उन्होंने कहा, ''दो और (पंपोर में एक मुठभेड़ में) घिरे हुए हैं और वे भी जल्द ही मारे जाएंगे।कई राजनीतिक नेताओं ने कश्मीर में निवासियों की हत्याओं को लेकर केंद्र और सुरक्षा बलों की आलोचना की थी। कुछ ने यह भी मांग की थी कि ''बार-बार सुरक्षा चूक'' के लिए जवाबदेही तय हो और घाटी में रहने वाले अल्पसंख्यक समुदायों के सदस्यों को सुरक्षा प्रदान की जाए।