झारखंड में कांग्रेस और जेएमएम के बीच चल रही सियासी घमासान के बीच झारखंड के प्रभारी अविनाश पांडे ने दिल्ली में झारखंड के वरिष्ठ नेताओं की बैठक बुलाई। बैठक कांग्रेस के वॉर रूम 15 जीआरजी में हुई जो तकरीबन 4 घंटे चली। बैठक के बाद यह तय किया गया कि कांग्रेस पार्टी झारखंड में संगठन सशक्तिकरण अभियान कार्यशाला चलाएगी। जिसका उद्देश्य राज्य में कांग्रेस संगठन को मजबूत करना है।
सभी नेताओं को एक जिला(4विधानसभा)की जिम्मेदारी दी गई
दिल्ली में हुई आज की बैठक में झारखंड कांग्रेस के 30 बड़े नेता शामिल हुए। बैठक के बाद संगठन सशक्तिकरण कार्यशाला के तहत एक एक बड़े नेता को 4 विधानसभा क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने की जिम्मेदारी देने का फैसला किया गया। आज की बैठक में झारखंड में कांग्रेस कोटे के चारो मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष और सीएलपी भी शामिल हुए। कांग्रेस नेताओं का तर्क था कि जब गठबंधन की सरकार होने के बावजूद जेएमएम आरजेडी झारखंड में अपने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए प्रयास कर रहे हैं तो कांग्रेस तो राष्ट्रीय पार्टी है उसे भी अपने संगठन को मजबूत करने का पूरा अधिकार है। आज की बैठक में तय किया गया की पार्टी के चारो मंत्री और प्रदेश अध्यक्ष इस जिम्मेदारी से मुक्त रहेंगे।
जेएमएम के साथ तनाव को लेकर बुलाई गई थी बैठक
दरअसल, आज की बैठक संगठन महासचिव अविनाश पांडे ने कांग्रेस– जेएमएम के बीच बढ़ रहे तनाव को लेकर बुलाई थी। हाल ही में झारखंड के प्रभारी बनने के बाद अविनाश पांडे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर जल्द समन्वय समिति बनाने और बोर्ड निगम के पुनर्गठन का अल्टिमेटम दिया था। जिसकी मियाद 7 अप्रैल को खत्म हो रही है। झारखंड कांग्रेस के विधायक लगातार मुख्यमंत्री पर उनकी उपेक्षा करने और कांग्रेसी नेताओं का काम नही करने का आरोप लगाते रहे हैं।
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मई महीने में राहुल गांधी झारखंड का दौरा करेंगे
आरपीएन सिंह के कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल होने के बाद अविनाश पांडे को झारखंड की जिम्मेदारी दी गई। अविनाश पांडे की ही पहल पर झारखंड में कांग्रेस का प्रादेशिक चिंतन शिविर का आयोजन किया गया। जिसके आखरी दिन राहुल गांधी ने झारखंड कांग्रेस के नेताओं को वर्चुअल संबोधित किया था। अब ये कहा जा रहा है को झारखंड में संगठन सशक्तिकरण कार्यशाला का समापन जब मई महीने में होगा तो राहुल गांधी झारखंड का दौरा करेंगे।
अपने बूते झारखंड में सरकार नहीं बना पाई कांग्रेस
बहरहाल कुल मिलाकर कांग्रेस झारखंड अगले विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। लेकिन इतिहास गवाह है की झारखंड बनने के बाद से कभी भी कांग्रेस अपने बूते झारखंड में सरकार नहीं बना पाई है। संगठन सशक्तिकरण कार्यशाला के जरिए कांग्रेस गैर आदिवासी इलाके के साथ आदिवासी इलाकों में भी पैठ बनाना चाहती है।