- झारखंड रोप वे हादसे में 2 पर्यटकों की मौत हो गई है।
- आज तीसरे दिन ऑपरेशन फिर शुरू हो गया है। रविवार को 48 लोग फंस गए थे।
- सेना, एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीम राहत कार्य में शामिल हैं।
Jharkhand Rope Way Accident : झारखंड के देवघर जिले में बाबा बैद्यनाथ मंदिर के पास त्रिकूट पहाड़ियों पर रोपवे हादसे में फंसे लोगों को बचाने के लिए तीसरे दिन आज फिर बचाव ऑपरेशन शुरू हो गया है। उम्मीद है कि बाकी फंसे लोगों को आज दोपहर तक निकाल लिया जाएगा। रविवार से फंसे 48 लोगों में से कल तक 43 लोगों को बचा लिया गया है और अभी भी 5 लोग फंसे हुए है। जबकि 2 पर्यटकों की मौत हो गई थी।
दोपहर तक ऑपरेशन पूरा होने की उम्मीद
रेस्क्यू टीम के इंचार्ज अश्निनी नायर ने बताया कि आज दोपहर तक लगभग सभी फंसे हुए लोगों को रेस्क्यू ऑपरेशन के द्वारा निकाल दिया जाएगा। रेस्क्यू ऑपरेशन ठीक चल रहा है।"केबिन कारों के आपस में टकरा जाने से 12 केबिन हवा में अटक गए थे। जिसकी वजह से 48 लोगों फंस गए थे।सोमवार को झारखंड के मंत्री हाफिजुल हसन ने देर शाम बताया था कि अब तक 30 लोगों को बचा लिया गया है, 18 अभी भी बाकी हैं। एनडीआरएफ, वायुसेना और भारतीय सेना बचाव कार्य कर रही है। जांच टीम गठित की जाएगी जान बचाना हमारी प्राथमिकता है।
देवघर के त्रिकूट रोपवे पर रविवार से फंसे लोगों को निकालने के लिए एनडीआरएफ, आईटीबीपी की टीम के अलावा सेना के जवान भी पहुंचे हैं, हेलिकॉप्टर से मदद पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। और लोगों को ड्रोन आदि के जरिए खाना पहुंचाया जा रहा है। हादसे के सटीक कारण का अभी पता नहीं चल पाया है शुरूआती जांच से ऐसा लगता है कि यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, जिसके चलते केबल कारों की टक्कर हुई।
भारत का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे
झारखंड टूरिज्म के अनुसार त्रिकूट रोपवे भारत का सबसे ऊंचा वर्टिकल रोपवे है। बाबा बैद्यनाथ मंदिर से करीब 20 किमी दूर स्थित रोपवे करीब 766 मीटर लंबा है, जबकि पहाड़ी 392 मीटर ऊंची है। रोपवे में 25 केबिन हैं। प्रत्येक केबिन में चार लोग बैठ सकते हैं। घटना के बाद रोपवे प्रबंधक व अन्य कर्मचारी मौके से फरार हो गए।