- दुमका के सरैयाहाट प्रखंड के असवारी गांव का केस
- लाठी-डंडा लिए दर्जन भर लोगों ने बोल दिया था घर पर हमला
- चारों पीड़ित पूरी रात घंटों दर्द से बुरी तरह तड़पते रहे
झारखंड में डायन होने का आरोप लगा कर एक ही परिवार की तीन औरतों समेत चार लोगों को बुरी तरह प्रताड़ित किया। परेशान करने का तरीका इतना भयावह था कि उन्हें प्रताड़ना के दौरान जबरन मल-मूत्र पिलाया गया और फिर लोहे की गर्म छड़ों से दागा गया।
यह मामला दुमका जिला के सरैयाहाट प्रखंड के तहत आने वाले असवारी गांव का है। समाचार एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के मुताबिक, दबंगों का डर इस कदर रहा कि पीड़ित पूरी रात घंटों दर्द से तड़पते रहे, मगर वे पुलिस के पास जाने की हिम्मत न जुटा सके। न ही उन्होंने इस बारे में किसी को खबर की।
दरअसल, रविवार (25 सितंबर, 2022) को पुलिस को इस मामले के बारे में किसी से गुप्त सूचना मिली थी, जिसके बाद वह गांव पहुंची थी। बाद में चारों पीड़ितों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, शनिवार रात ज्योतिन मुर्मू ने गांव में एक बैठक बुलाई थी। श्रीलाल मुर्मू के घर की तीन महिलाओं को इस दौरान डायन बताया गया। कहा गया कि इन्हीं के जादू-टोने की वजह से गांव के जानवर और बच्चे बीमार हो रहे हैं। ऐसे में करीब दर्जन भर लोग लाठी-डंडों और हथियारों से लैस होकर उसके घर पर हमला करने पहुंच गए।
हमलावरों ने तीन महिलाओं (सोनामनी टुडू, रसी मुर्मू, कोसा टुडू) के साथ-साथ श्रीलाल मुर्मू की बेरहमी से पिटाई की। फिर चारों को पकड़कर उनके मुंह में जबरन मल-मूत्र डाल दिया। यही नहीं, हमलावरों ने उन्हें गर्म छड़ों से दागा। दर्द के चलते चारों लोग चीखते-चिल्लाते रहे, लेकिन गांव का कोई भी व्यक्ति उन्हें बचाने नहीं आया।
आरोपियों ने उन्होंने धमकी दी कि अगर पुलिस को जानकारी दी तो पूरे परिवार का कत्ल कर दिया जाएगा। रविवार सुबह हमलावर फिर आए और उनकी दोबारा पिटाई कर के गए। इस बीच, रविवार को सरैयाहाट थाना प्रभारी विनय कुमार को घटना की जानकारी मिली तो पुलिस की टीम गांव भेजी गई।
चारों लोगों को पहले सरैयाहाट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। फिर इनकी गंभीर हालत को देखते हुए देवघर स्थित अस्पताल ले जाया गया। पुलिस के मुताबिक, हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए छापमारी की जा रही है।