नई दिल्ली: आज से 9 साल पहले छत्तीसगढ़ में एक बेहद भयानक घटना घटी थी इसमें कांग्रेस पार्टी के नेताओ की एक पूरी पीढ़ी खत्म हो गई थी। साल 2013 में विधानसभा चुनाव होने जा रहे थे उससे पहले ये घटना सामने आ गई 25 मई 2013 को जैसे सब कुछ बदल ही गया। सुकमा से जगदलपुर जा रही थी कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल की अगुवाई में कांग्रेस नेताओं का काफिला सुकमा में परिवर्तन यात्रा रैली समाप्त होने के बाद शाम करीब 4 बजे सुकमा से जगदलपुर जा रहा था।
इसी दरमियान जब झीरम घाटी से होकर गुजर रहा था,तभी नक्सलियों ने पेड़ों को गिराकर रास्ता रोक दिया और करीब 200 नक्सलियों ने गाड़ियों पर अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।
राज्य के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र की झीरम घाटी में 25 मई 2013 को नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था। इस हमले में प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल और अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत 32 लोगों की मृत्यु हो गई थी।
चुनावी अभियान में निकले कांग्रेस नेताओ के काफिले पर नक्सली हमला हो जाने के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार पटेल ,पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत कई नेता शहीद हो गए। घटना में उस समय कांग्रेस के लगभग आधे शीर्ष नेता और सुरक्षा बल के जवान शहीद हो गए थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोले- झीरम घाटी हमला राजनीतिक आपराधिक षड्यंत्र था
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को कहा कि झीरम घाटी नक्सली हमला राजनीतिक आपराधिक षड्यंत्र था और राज्य सरकार इस षड़यंत्र को उजागर करने की कोशिश कर रही है लेकिन इसमें लोग अड़ंगा लगा रहे हैं। बघेल ने बुधवार को जिला मुख्यालय जगदलपुर स्थित लालबाग मैदान में झीरम घाटी शहीद स्मारक का लोकार्पण किया और इस हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने जान गंवाने वालों की याद में लगभग 100 फुट ऊंचा तिरंगा भी फहराया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के बाद कहा, ' झीरम घाटी हमले में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा और कांग्रेस के अन्य वरिष्ठ नेताओं समेत सुरक्षाबल के जवानों की शहादत हुई। इन नौ वर्षों में हमने भरसक कोशिश की कि इस घटना के सही तथ्य सामने आए। सब जानते हैं कि घटना एक राजनीतिक आपराधिक षड़यंत्र था। इस षड़यंत्र को उजागर करने के लिए हम लोगों ने अनेक कोशिशें की। लेकिन लोग अड़ंगा लगाते रहे।'
उन्होंने कहा, 'इस घटना के संबंध में एनआईए की जांच भी संतोषजनक नहीं है। जब हमने मामले की पुलिस जांच शुरू की और मामला वापस मांगा(एनआईए से) तो केन्द्र की भारतीय जनता पार्टी नीत सरकार ने इससे इनकार कर दिया। नयी पुलिस जांच के खिलाफ एनआईए ने उच्च न्यायालय का रुख किया।'