- पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या मामले में उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है
- यूपी के सीएम ने पत्रकार के परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया है
- पत्रकार को बदमाशों ने 20 जुलाई को गोली मार दी थी, जिन्होंने बाद में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया
गाजियाबाद : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पत्रकार विक्रम जोशी की हत्या मामले में संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिजनों के लिए 10 लाख रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया है। साथ ही सीएम ने पत्रकार की पत्नी को नौकरी देने और बच्चों की पढ़ाई नि:शुल्क इंतजाम करने के निर्देश भी दिए। पत्रकार विक्रम जोशी को कुछ बदमाशों ने सोमवार (20 जुलाई) देर रात गोली मार दी थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बुधवार तड़के उपचार के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया।
9 आरोपी गिरफ्तार
पत्रकार ने अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ का विरोध किया था और इसके खिलाफ विजयनगर पुलिस थाने में शिकायत भी दर्ज कराई थी। इसके बाद ही बदमाशों ने हत्या की इस वारदात को अंजाम दिया है। इस मामले में पुलिस ने अब तक 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। गाजियाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में रवि और छोटू नाम के दो मुख्य आरोपी भी हैं। उनके पास से अवैध हथियार भी बरामद किए गए हैं।
'पुलिस ने नहीं दी मदद'
पीड़ित परिवार का कहना है कि उन्होंने लड़की के साथ छेड़छाड़ की कई बार शिकायतें पुलिस में की गईं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंतत: पत्रकार ने अपनी भांजी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत पुलिस में दी, जिसके बाद बदमाशों ने गोली मार कर उनकी हत्या कर दी। पत्रकार के भांजे ने रोते हुए पूरा घटनाक्रम मीडिया को बताया। उसने बताया कि गली के बदमाश उसकी बहन को लेकर तरह-तरह के कमेंट्स किया करते थे। उस दिन बहन का जन्मदिन था, जब बदमाशों ने इस वारदात का अंजाम दिया।
भांजे ने सुनाया पूरा वाकया
उसने यह भी बताया कि बदमाशों ने पहले तो मामा की बाइक को ठोकर मारकर गिरा दिया और फिर घेरकर उनकी पिटाई शुरू कर दी। इस दौरान उनकी बेटी भी साथ थी। घटना का जो सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, उसमें दिख रहा है कि लड़की किस तरह पहले बीच-बचाव की कोशिश करती है, लेकिन कुछ ही क्षणों में बदमाश उसे धक्का दे देते हैं और फिर पत्रकार के सिर में गोली मारकर फरार हो जाते हैं। पीड़ित परिवार की इस शिकायत पर विभागीय कार्रवाई भी शुरू की गई है, जिसमें कहा गया है कि पुलिस ने उनकी मदद नहीं की।