नई दिल्ली। डॉ कफील खान उस समय चर्चा में आए थे जब यूपी के गोरखपुर में मासूम बच्चे काल की गाल में समा रहे थे। कफील खान पर आरोप लगा था कि वो बीआरडी मेडिकल कॉलेज के ऑक्सीजन सिलेंडरों का व्यक्तिगत इस्तेमाल कर रहा था। कफील की गिरफ्तारी भी हुई थी और बाद में वो जमानत पर रिहा भी हो गया। इस तरह की खबर सामने आई कि उसे क्लीन चिट मिल गई है। लेकिन बाद में यूपी सरकार की तरफ से बयान आया कि उसे क्लीन चिट नहीं मिली है।
डॉ कफील खान एक बार फिर चर्चा में है। चर्चा में वो शख्स इसलिए भी है कि नागरिकता संशोधन कानून ते विरोध में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में आग उगले और उसका असर ये हुआ कि यूपी एसटीएफ ने उसे मुंबई से गिरफ्तार किया। अब गिरफ्तारी के बाद कफील खान का क्या कुछ कहना है उसे जानने की जरूरत है।
कफील खान कहते हैं कि गोरखपुर में बच्चों की मौत मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल चुकी है। लेकिन यूपी सरकार उसे फंसा रही है। वो महाराष्ट्र सरकार से गुजारिश करते हैं कि उसे यहां ही रहने दिया जाए वो उत्तर प्रदेश नहीं जाना चाहता है। उन्होंने कहा कि एएमयू के जिस प्रसंग का जिक्र किया गया है उसमें उनके भाषण का पूरा अंश नहीं बताया जा रहा है। उन्होंने वही सबकुछ कहा था कि जो इस समय सीएए, एनपीआर और एनआरसी पर अधिसंख्य लोगों की भावना है। संविधान भी इस बात की इजाजत देता है कि अगर किसी विषय पर कोई शख्स सरकार के नजरिए से सहमत नहीं है तो वो अपनी बात रख सकता है।