राष्ट्रवाद यानि देश से बढ़कर कुछ नहीं आज राष्ट्रवाद में बात होगी स्कूल कॉलेजों में चलाए जा रहे मजहबी एजेंडे की - धर्म के ठेकेदार बच्चों को मोहरा बनाकर स्कूलों में मजहबी एजेंडा क्यों चला रहे हैं मैं तथाकथित धर्म के इन ठेकेदारों से पूछना चाहता हूं कि शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूल कॉलेजों में धर्म का क्या काम है लेकिन धर्म के नाम पर स्कूलों में मासूम छात्रों में कट्टरता फैलाई जा रही है
आज इस मुद्दे पर बहस करें उससे पहले आपको दो तस्वीरें दिखाते हैं ...ये दोनों ही तस्वीरें यूपी की है- पहली तस्वीर कानपुर की है - जहां एक स्कूल पर आरोप है कि हिंदू बच्चों को कलमा पढ़ाया जा रहा है - बच्चों को कलमा पढ़ाने की बात को लेकर अविभावकों में आक्रोश है स्कूल प्रशासन के खिलाफ एफआईआर तक दर्ज हो चुकी है ...दूसरी तस्वीर है रामनगरी अयोध्या की जहां फैज ए आम मुस्लिम स्कूल में दो हिंदू छात्रों को कुरान नहीं पढ़ने पर निकाल दिया गया
आरोप है कि छात्रों ने कुरान की जगह रामायण और हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कही तो उन्हें स्कूल प्रशासन ने निकाल दिया, आरोप है कि अयोध्या के फैज ए आम मुस्लिम स्कूल ने इसे धार्मिक उन्माद फैलाने की बात कहकर दो हिंदू छात्रों का स्कूल से नाम काट दिया दरअसल 11वीं क्लास में पढ़ने वाले दो हिन्दू छात्र सौरभ यादव और मानवेंद्र को स्कूल में एक मुस्लिम छात्र ने कहा कि वो स्कूल में कुरान पढ़े ..इसपर दोनों ने आपत्ति जताते हुए कहा कि वो अपने धर्म के अनुसार रामायण और हनुमान चालीसा करेंगे..बात इतनी बढ़ी की स्कूल ने दोनों हिन्दू छात्रों पर धार्मिक उन्माद फैलाने का आरोप लगाकर उनका नाम स्कूल से काट दिया..सबसे पहले सुनाते हैं आपको स्कूल से निकाले गए छात्र ने क्या आरोप लगाए हैं
जब मामले ने तूल पकड़ा तो स्कूल ने सफाई दी कि उनका नाम इस वजह से नहीं काटा गया है..लेकिन स्कूल ये भी बता नहीं सका कि आखिर उनका नाम क्यों काटा गया...सुनिए स्कूल प्रबंधन ने क्या सफाई दी है वहीं एक दिन पहले कानपुर के एक स्कूल से ऐसी ही घटना सामने आई थी ...अविभावकों का आरोप है कि उनके बच्चों को जोर जबरदस्ती कलमा पढ़ाया जा रहा है ...अविभावकों ने स्कूल में इस पर अपना विरोध भी जताया है ...स्कूल प्रशासन का कहना है कि उनके स्कूल में चारों धर्म की प्रार्थनाएं की जाती है ...हालांकि मामला सामने आने के बाद स्कूल प्रबंधक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है ...
ये केवल यूपी की बात नहीं है ...पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में स्कूल कॉलेज में मजहबी एजेंडा चलाया जा रहा है हाल के दिनों में झारखंड के स्कूलों में शुक्रवार को छुट्टी कराने की बात आई थी ....स्कूलों को उर्दू स्कूल बनाने की बात भी सामने आई थी ...हालांकि मामले को तूल देने के बाद अब झारखंड के स्कूलों से बिना उर्दू स्कूलों के नाम से उर्दू हटाने का आदेश दिया गया है ....ऐसे ही कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर कॉलेजों में उन्माद फैलाया गया .....
ऐसे में आज के सवाल हैं-
अयोध्या की धरती पर हनुमान चालीसा पढ़ने पर रोक क्यों?
मुस्लिम कॉलेज में हिंदू छात्र के कलमा पढ़ने का सच ?
कानपुर में कलमा पाठ सही..अयोध्या में राम से क्यों 'बैर' ?
यूपी में योगी हैं...फिर ये सब कौन कर रहा?