नई दिल्ली : आज से 20 साल पहले 24 दिसंबर को नेपाल के काठमांडू से उड़ान भरने वाले भारतीय यात्री विमान आईसी-814 को हरकत उल मुजाहिदीन के आतंकियों ने हाइजैक कर लिया था। काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डे से उड़ान भरने वाले इस विमान में कुल 191 लोग सवार थे। विमान का अगवा करने के बाद आतंकवादी पहले इसे अमृतसर, लाहौर और फिर दुबई ले गए। दुबई में उन्होंने 27 यात्रियों को छोड़ दिया। मीडिया रिपोर्टों की मानें तो इस अगवा संकट का अंत करने के लिए भारत सरकार कमांडो ऑपरेशन चलाना चाहती थी लेकिन संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने इसके लिए भारतीय अधिकारियों का सहयोग करने से इंकार कर दिया।
तीन खूंखार आतंकियों को छोड़ना पड़ा
यूएई के बाद आतंकवादी आईसी 814 को लेकर कंधार एयरपोर्ट पहुंचे। आतंकियों ने भारत सरकार से भारतीय जेलों में बंद 35 आतंकियों को छोड़ने और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर की मांग की लेकिन कई दिनों तक चली बातचीत के बाद यात्रियों के बदले तीन आतंकियों मसूद अजहर, उमर शेख और अहमद जरगर को छोड़ने की बात पर सहमति बनी। 31 दिसंबर को तत्कालीन विदेश मंत्री जसवंत सिंह इन तीनों आतंकियों को लेकर कंधार पहुंचे और अपहृत विमान के यात्रियों की रिहाई सुनिश्चित की। मसूद अजहर आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक है।
वाजपेयी सरकार की कूटनीतिक विफलता
यात्रियों के बदले आतंकियों को छोड़े जाने की घटना वाजपेयी सरकार की एक कूटनीतिक विफलता मानी जाती है। कई लोगों का मानना है कि आतंकियों को छोड़कर भारत ने कमजोर मुल्क होने का संदेश दिया। हालांकि, वाजपेयी सरकार ने दावा किया कि उसके पास यात्रियों को सकुशल छुड़ाने के लिए और कोई विकल्प नहीं था। सरकार नहीं चाहती थी कि निर्दोष नागरिक मारे जाएं। हालांकि, यात्रियों के बदले आतंकियों को छोड़ने का फैसला सरकार का एकतरफा नहीं था। कांग्रेस सहित विपक्ष की सहमति मिलने के बाद आतंकियों को छोड़ने का फैसला लिया गया। आतंकियों के साथ सात दिनों की बातचीत के बाद यात्रियों की रिहाई का रास्ता साफ हो सका।
रिहा होने के बाद मसूद ने भारत पर कराए कई हमले
कंधार हाइजैकिंग की घटना के घाव रह-रह कर उभर जाते हैं। आतंकी मसूद अजहर की रिहाई की कीमत देश को बाद में चुकाना पड़ा। रिहा होने के बाद मसूद अजहर ने भारत को कई घाव दिए हैं। मसूद के संगठन जैश ए मोहम्मद ने भारतीय संसद, मुंबई हमला, पठानकोट और पुलवामा हमले को अंजाम दिया। भारत के लगातार प्रयासों के बाद संयुक्त राष्ट्र ने अब जाकर मसूद को अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया। कंधार हाइजैकिंग घटना की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने की और उसने 10 लोगों को आरोपी बनाया।