- दिल्ली बॉर्डर के बाद करनाल बना किसानों की शक्ति प्रदर्शन का केंद्र
- हरियाणा सरकार औऱ किसानों के बीच आज फिर होनी है बातचीत
- शुक्रवार को हुई बैठक को किसान नेताओं ने बताया था सकारात्मक
Karnal Kisan Mahapanchayat Updates: किसान संघ के नेता और करनाल जिला प्रशासन आज फिर अगले दौर की बातचीत करेंगे। इससे पहले दोनों दोनों पक्षों के बीच शुक्रवार को चार घंटे की लंबी मैराथन बैठक हुई थी। किसान नेताओं ने शुक्रवार को हुई बैठक को सकारात्मक बताया था और मुद्दों के जल्द समाधान की उम्मीद जताई थी। करनाल के आंदोलन स्थल पर हर रोज किसानों की संख्या बढ़ रही है और पंजाब, पश्चिम यूपी और हरियाणा से किसानों के जत्थे लगातार मोर्चे पर पहुंच रहे हैं।
किसानों की मांगे भी नई
नए मोर्चे पर किसानों की मांग भी नई है। किसान नेता पिछले महीने लाठीचार्ज करने वालों से हिसाब किताब करने के मूड में हैं। मुख्यरूप से प्रदर्शनकारी किसानों की तीन मांग हैं- पहली, किसानों पर लाठी चार्ज का आदेश देने वाले SDM आयुष सिन्हा को तत्काल सस्पेंड किया जाए। दूसरी मांग- मृतक किसान सुशील काजल के परिजनों को 25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाए और उन्हें शहीद का दर्जा दिया जाए और तीसरी मांग, लाठीचार्ज में घायल किसानों को 2-2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
निशाने पर खट्टर सरकार
किसान ताव में है और पहली नजर में उनकी रणनीति का केंद्र भले ही SDM पर कार्रवाई लगे लेकिन असल निशाना तो हरियाणा की खट्टर सरकार है।जाहिर है किसानों ने खट्टर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इसके साथ ही रणनीति ये भी है करनाल आंदोलन का केंद्र बना तो इसका चुनावी असर पंजाब, हरियाणा और पश्चिम यूपी पर पड़ेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि हरियाणा सरकार किसानों की सभी मांगे मानती हैं या फिर नहीं।