बेंगलुरु : कर्नाटक में हिजाब पर बवाल के बीच राज्य के शिवमोगा शहर में एक स्कूल की दीवार पर पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) का पोस्टर मिला है, जिसके बाद यहां इसे लेकर कई तरह के कयासों का दौर शुरू हो गया है। प्रशासन ने हालांकि पोस्टर के बारे में पता चलते ही इसे फाड़कर फेंक दिया, लेकिन इस वाकये ने यहां एक नया विवाद पैदा कर दिया है और पूरे मामले में PFI की भूमिका को लेकर भी सवाल उठने लगे हैं।
यह मामला शिवमोगा शहर में स्थित मौलाना अब्दुल कलाम आजाद इंगलिश मॉडल स्कूल का है। यहां एंट्री गेट पर ही PFI का पोस्टर चिपका हुआ था। हालांकि मामले के संज्ञान में आते ही प्रशासन ने इसे फाड़ दिया, लेकिन इस घटना ने पूरे विवाद में PFI की भूमिका को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। हिजाब पर गहराए पूरे विवाद के परिप्रेक्ष्य में जांच एजेंसियां पहले ही PFI की भूमिका को लेकर भी छानबीन कर रही है।
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जांच के दायरे में PFI
पोस्टर में 'सेव रिपब्लिक' के आह्वान के साथ-साथ रैली, जनसभा और यूनिटी मार्च में शामिल होने के लिए भी कहा गया। पूरे मामले में PFI की भूमिका को लेकर सरकार ने पहले भी इनकार नहीं किया था और अब इस पोस्टर के बाद इस दिशा में आशंकाओं को और बल मिला है। कर्नाटक के गृह व शिक्षा मंत्री ने बीते सप्ताह कहा था कि PFI और कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (CFI) जैसे संगठन इस मामले में स्टूडेंट्स का इस्तेमाल कर रहे हैं।
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यह मामला ऐसे समय में सामने आया है, जबकि कर्नाटक में बुधवार को ही कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच कॉलेजों को दोबारा खोला गया। हालांकि इस पर प्रशासन और स्टूडेंट्स के बीच खींचतान अब भी जारी है। कोर्ट के अंतरिम आदेश के बावजूद कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज पहुंचीं, जिसके बाद उन्हें वापस घर भेज दिया गया। वहीं कुछ छात्राओं ने कहा कि वे अदालत के अंतिम फैसले की प्रतीक्षा करेंगी और तब तक कक्षा में नहीं जाएंगी।