- सड़क मार्ग से पहुंचा जा सकता है डेरा बाबा नानक गुरुद्वारा
- डेरा बाबा नानक से सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन बटाला है
- पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है करतारपुर साहिब
नई दिल्ली : करतारपुर स्थित गुरुद्वारा दरबार साहिब के लिए भारत का पहला आधिकारिक जत्था नौ नवंबर को रवाना होगा। भारत के इस पहले जत्थे में 575 श्रद्धालुओं के नाम हैं। भारत ने यह सूची पाकिस्तान को सौंप दी है। इस जत्थे में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, पंजाब के सभी 117 विधायक, मंत्री, सांसद और अलग-अलग पार्टियों के नेता शामिल हैं। करतारपुर साहिब की यात्रा करने के लिए सबसे पहले डेरा बाबा नानक पहुंचना होगा। यहां पहुंचने के बाद कॉरिडोर के जरिए करतारपुर साहिब तक की यात्रा की जा सकती है।
डेरा बाबा नानक सड़क मार्ग से पहुंचा सा सकता है। यहां के लिए पंजाब परिवन निगम की बसें भी उपलब्ध हैं। यहां रेल मार्ग से भी पहुंचा जा सकता है। डेरा बाबा नानक से सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन बटाला और सबसे समीप एयरपोर्ट अमृतसर है।
गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक से गुरुद्वारा श्री करतापुर साहिब के बीच सड़क मार्ग से दूरी
अमृतसर (राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच354बी) से दूरी 45 किलोमीटर
बटाला (जिला रोड) से दूरी 24 किलोमीटर
गुरदासपर (एनएच 354) से दूरी 30 किलोमीटर
जालंधर से वाया बटाला दूरी 112 किलोमीटर
यात्रा में इन वस्तुओं की है मनाही
करतारपुर की यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को इन चीजों के साथ यात्रा करने पर मनाही है। यात्री अपने साथ हथियार, गोला-बारूद, विस्फोट सामग्री, ड्रग्स, चाकू, ब्लेड, कृपाण, नकली नोट-स्टैंप और सिक्के, सैटेलाइट फोन, वन्यजीव पादर्थ, वाई-फाई, शराब आदि वस्तुओं के साथ यात्रा नहीं कर सकते। तीर्थयात्रियों को दरबार साहिब का दर्शन करने के बाद उसी दिन लौटना होगा। श्रद्धालु करतारपुर साहिब के अलावा किसी दूसरी जगह नहीं जा सकेंगे।
इको-फ्रेंडली कपड़े रखें तीर्थयात्री
दरबार साहिब का प्रांगण साफ-सुथरा रखने के लिए श्रद्धालुओं को अपने साथ इको-फ्रेंडली कपड़े रखने की सलाह दी गई है। श्रद्धालु अपने पास अधिकतम 11000 रुपए और पानी सहित सात किलोग्राम सामग्री रख सकते हैं। पैसेंजर टर्मिनल बिल्डिंग (पीटीबी) परिसर में तंबाकू और धूम्रपान के सेवन पर पाबंदी है। तीर्थयात्रियों को यदि कोई लवारिस वस्तु दिखाई दे तो वे इसकी सूचना तत्काल सुरक्षाकर्मियों को दें। बिना इजाजत तेज आवाज में संगीत बजाने और तस्वीरें खींचने पर रोक है।
पाकिस्तान के नारोवाल जिले में स्थित है करतारपुर साहिब
करतारपुर गांव रावी नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है। इस स्थान पर गुरुनानक देव ने अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष गुजारे। जबकि गुरुद्वारा डेरा बाबा नानक भारत-पाकिस्तान सीमा से करीब एक किलोमीटर दूर रावी नदी के पूर्वी तट पर स्थित है। गुरुद्वारा श्री करतापुर साहिब पाकिस्तान के नारोवाल जिले में आता है। यह पंजाब के गुरदासपुर जिले में ऐतिहासिक शहर डेरा बाबा नानक के समीप अंतरराष्ट्रीय सीमा से करीब 4.5 किलोमीटर की दूरी पर है। ऐतिहासिक शहर डेरा बाबा नानक गुरदासपुर जिले में पड़ता और इसका निर्माण श्री गुरु नानक देव जी के अनुयायियों ने कराया।