- रेलवे में अत्याधुनिक स्वदेशी टैक्नोलॉजी 'कवच' का इस्तेमाल किया जा रहा है।
- दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर पर 3,009 रूट किलोमीटर पर लागू की जाएगी।
- यह टैक्नोलॉजी साउथ सेंट्रल रेलवे पर 1098 रूट किलोमीटर पर लागू की जा चुकी है।
नई दिल्ली : भारत सरकार ने राज्यसभा में कहा कि भारतीय रेलवे दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर पर 'कवच' टैक्नोलॉजी लागू करने की योजना बना रही है। भारतीय रेलवे दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा कॉरिडोर पर 3,009 रूट किलोमीटर (RKM) पर लागू अपनी अत्याधुनिक स्वदेशी तकनीक 'कवच' को लागू करेगा। केंद्रीय मंत्री रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बीजेपी सांसद ब्रिज लाल के प्रश्नों का जवाब देते हुए राज्यसभा में यह बात कही। जब पूछा गया कि कवच टैक्नोलॉजी कब लागू किए जाने की जाने की संभावना है। रेल मंत्री ने कहा कि 28 फरवरी 2022 तक यह टैक्नोलॉजी साउथ सेंट्रल रेलवे पर 1098 रूट किलोमीटर पर लागू किया गया है। आगे कवच 3009 रूट किलोमीटर पर लागू किया जाएगा। यह दिल्ली-मुंबई और दिल्ली हावड़ा कोरिडोर पर लागू होगा।
'कवच' टैक्नोलॉजी की मुख्य विशेषताएं
इसके अलावा, रेल मंत्री ने कवच की विभिन्न विशेषताओं का जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सिग्नल पासिंग एट डेंजर (SPAD) की रोकथाम; मूवमेंट ऑथरिटी का निरंतर अपडेट; ओवर स्पीड की रोकथाम, सेक्शन स्पीड, ट्रेन स्पीड, स्थायी स्पीड प्रतिबंध और लूप लाइन स्पीड कंट्रोल; फंग्सनल टीसीएएस से लैस दो लोको के बीच टकराव की रोकथाम; और लोको पायलट की कैब में सिग्नल एस्पेक्ट का प्रदर्शन 'कवच' की मुख्य विशेषताओं में से एक है।
मथुरा-आगरा सेक्शन में अक्टूबर 2018 हुआ 'कवच' ट्रायल
उन्होंने यह भी बताया कि दक्षिण मध्य रेलवे के लिंगमपल्ली-वाडी और विकाराबाद-बीदर में अक्टूबर 2017 में 'कवच' के लिए ब्लॉक सेक्शन परीक्षण शुरू हुआ। मंत्री ने कहा कि दक्षिण मध्य रेलवे के सनथ नगर लिंगमपल्ली में फरवरी 2019 में 'कवच' के लिए स्वचालित ब्लॉक सेक्शन ट्रायल शुरू हुआ और 'कवच' के लिए 160 किमी प्रति घंटे की गति का टेस्ट अक्टूबर 2018 में उत्तर मध्य रेलवे के मथुरा-आगरा सेक्शन में शुरू हुआ।