नई दिल्ली: कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए पूरे देश में 21 दिन का लॉकडाउन किया गया है। केरल में कुछ लोगों पर इसका इतना गलत असर पड़ा कि शराब न मिलने से उन्होंने सुसाइड कर ली। अब केरल सरकार ने इसका समाधान निकाला है। सरकार ने डॉक्टरों के पर्चे पर शराब की आपूर्ति की अनुमति दी है। मुख्यमंत्री पिनारायी विजयन ने आबकारी विभाग को डॉक्टर का पर्चा होने पर शराब उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। कई लोगों ने शराब न मिलने पर आत्महत्या कर ली, जिसके बाद ये फैसला किया गया।
इसके अलावा केरल सरकार ने आबकारी विभाग से ये भी कहा है कि वह नशामुक्ति केंद्रों में नशे के आदी लोगों का नि: शुल्क उपचार करें। सीएम ने कहा कि सरकार शराब की ऑनलाइन बिक्री के विकल्प पर भी विचार कर रही है क्योंकि शराब की अचानक अनुपलब्धता सामाजिक समस्याओं का कारण बन सकती है।
रविवार को PTI की खबर के अनुसार, लॉकडाउन के कारण शराब नहीं मिलने से परेशान होकर केरल में दो लोगों ने आत्महत्या कर ली। पुलिस ने बताया कि त्रिसूर जिले के कोडंगलूर के सुनीश (32) ने कथित तौर पर नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। शराब नहीं मिलने से परेशान होकर नोफल (34) ने आफ्टर शेव लोशन पी लिया। इससे पहले 38 साल के दिहाड़ी मजदूर सनोज ने शराब नहीं मिलने से परेशान होकर शुक्रवार को अपने घर के पास पेड़ से फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली थी।
हालांकि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने विजयन के फैसले पर सवाल उठाए हैं। IMA ने कहा है कि शराब के लिए लिखने से इलाज का अधिकार रद्द हो सकता है। हम इसे केरल के मुख्यमंत्री के ध्यान में लाए हैं। उन लोगों को वैज्ञानिक उपचार दिया जाना चाहिए जो कि शराब के आदी हैं। इसका उपचार घर पर या अस्पतालों में दवाओं के साथ किया जा सकता है। उन्हें शराब की पेशकश करना वैज्ञानिक रूप से स्वीकार्य नहीं है।
केरल में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर 194 हो गई है, जबकि एक की मौत हो गई है। हैरानी की बात है कि अभी तक केरल में कोरोना से कम बल्कि शराब न मिलने पर सुसाइड करने से ज्यादा लोगों की मौत हुई है।